केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड ने पिछले हफ्ते सात जुलाई को एक मल्टीकैप फंड का न्यू फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है. Canara Robeco Multi Cap Fund एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस फंड में सिस्टैमेटिक (SIP) के जरिए निवेश कर लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है.
इसका न्यू फंड ऑफर यानी NFO 7 जुलाई को निवेश के लिए खुला है और इसमें 21 जुलाई 2023 तक निवेश किया जा सकेगा. हालांकि यह ओपन एंडेड स्कीम है, इसलिए इसमें 4 अगस्त के बाद फिर से निवेश शुरू हो जाएगा. इसमें न्यूनतम निवेश 5,000 रुपए का हो सकता है. फंड अपने प्रदर्शन के लिए NIFTY 500 Multicap 50:25:25 Index TRI को बेंचमार्क की तरह इस्तेमाल करेगा. श्रीदत्त भंडवालडर और विशाल मिश्र इसके फंड मैनेजर हैं.
क्या होते हैं मल्टीकैप फंड? मल्टीकैप फंड का मतलब यह है कि यह लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप जैसे सभी सेगमेंट के शेयरों में निवेश करेगा. SEBI के नियम के मुताबिक इस फंड को न्यूनतम 25 फीसदी और अधिकतम 50 फीसदी हिस्सा लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप कैटेगिरीज के इक्विटी या इक्विटी आधारित साधनों में लगाना होगा. यानी इन तीनों साधनों में कुल मिलाकर न्यूनतम 75 फीसदी से अधिकतम 100 फीसद तक निवेश किया जा सकता है. इस इंडेक्स में लार्जकैप को 50 फीसद, मिडकैप को 25 फीसद और स्मॉलकैप को 25 फीसद वेटेज दिया जाता है.
किस तरह के निवेशकों के लिए सही जो निवेशक लॉन्ग टर्म में अपनी पूंजी में बढ़त चाहते हैं और तीनों तरह के मार्केट कैप वाले शेयरों में एक्सपोजर चाहते हैं, वे इस फंड में निवेश पर विचार कर सकते हैं. केनेरा रोबको मल्टीकैप फंड ने जो रिस्कोमीटर दिया है, उसके मुताबिक यह ‘वेरी हाई रिस्क’ वाली श्रेणी में आता है. लेकिन जानकारों का कहना है कि पोर्टफोलियो में हर मार्केट कैप के शेयर होने की वजह से लॉन्ग टर्म में इसमें जोखिम कम हो जाता है. तो अगर कोई निवेशक इक्विटी स्कीम में SIP की शुरुआत करना चाहता है तो उसके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे इक्विटी निवेशक जो कम से कम पांच साल के लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाहते हैं वे ही इस फंड में निवेश करें.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? मनी मंत्रा (Money Mantra) के फाउंडर विरल भट्ट कहते हैं, ‘मल्टीकैप फंडपोर्टफोलियो को विविधता देने के लिए अच्छे होते हैं. तीन तरह के शेयरों में निवेश का मतलब यह है कि अगर बाजार में कोई एक सेगमेंट खराब प्रदर्शन कर रहा हो तो भी आपको नुकसान कम से कम होता है. लॉन्ग टर्म में ऐसे फंड में जोखिम कम हो जाता है. इससे छोटे निवेशक भी SIP के जरिए अपने इक्विटी पोर्टफोलियो को बेहतर बना सकते हैं.’
तीनों तरह के शेयरों में न्यूनतम 25 फीसदी के निवेश की अनिवार्यता की वजह से इसमें फंड मैनेजर की भूमिका थोड़ी कम हो जाती है. मल्टीकैप फंड चाहे तो इस सीमा का पालन करते हुए किसी एक कैटेगिरी में निवेश बढ़ा भी सकता है. इस रणनीति से फंड में डायवर्सिफिकेशन बढ़ता है और जोखिम कम होता है. मल्टीकैप फंड में यह देखा गया है कि बाजार के सभी साइकल यानी चक्र में लगातार जोखिम समायोजित रिटर्न देते रहे हैं. पिछले एक साल में मल्टीकैप फंड्स ने करीब 29 फीसदी का औसत रिटर्न दिया है.
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