म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार से जुड़े हैं और एक्सपर्ट्स निवेशकों को पहली सलाह देते हैं कि पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता पहचानिए और फिर रुख करें म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट का. अक्सर ऊंचे रिस्क के साथ ऊंचे रिटर्न मिलने की संभावना होती है. लेकिन रिस्क का सीधा मतलब है आपके पैसों में घाटा होने पर आप इस बोझ को सह पाएंगे या नहीं या इसके रिकवर होने के लिए निवेश को समय दे पाएंगे या नहीं. अब सेफ्टी भी चाहिए और रिटर्न भी तो काम आएंगे हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स (Hybrid Mutual Funds).
हाइब्रिड का मतलब है दो विकल्पों को मिक्स कर बनाया गया विकल्प. जो निवेशक जोखिम ले सकते हैं उनके लिए इक्विटी फंड की सलाह दी जाती है जबकि जो सुरक्षित निवेश करना चाहते हैं उनके लिए डेट विकल्प बेहतर माना जाता है. और जो बैलेंस बनाना चाहे उसके लिए इन दोनों के मिक्स में निवेश का विकल्प देते हैं हाइब्रिड फंड. इनका कुछ हिस्सा इक्विटी में निवेश होता है और कुछ डेट इंस्ट्रुमेंट्स में.
Hybrid Mutual Funds: उदाहरण के तौर पर अगर आप SBI इक्विटी हाइब्रिड फंड के निवेश पर गौर करें तो पाएंगे कि इस फंड का 69 फीसदी निवेश इक्विटी में है, 21.9 फीसदी डेट में और कैश या कैश जैसे विकल्पों में 9.1 फीसदी निवेश जाता है. ऐसे ही मिराए ऐसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड का 77.8 फीसदी निवेश इक्विटी में है और 10.5 फीसदी डेट में. बाकी 11.7 फीसदी कैश जैसे विकल्पों में. कैनरा रोबेको इक्विटी हाइब्रिड फंड में भी 72.7 फीसदी निवेश इक्विटी और 22.2 फीसदी डेट कैटेगरी में है.
इसी तरह हाइब्रिड में बैलेंस्ड एडवांटेज फंड भी शामिल होते हैं. मसलन, ICICI प्रुडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में 40.5 फीसदी निवेश इक्विटी में है, 37.8 फीसदी कैश और कैश इक्वेलेंट में और 21.7 फीसदी डेट में. कैश इक्वेलेंट का मतलब है ट्रेजरी बिल (सरकार द्वारा जारी), सरकारी बॉन्ड और कमर्शियल पेपर.
दोनों विकल्पों का मिक्स होने से इसमें इक्विटी और डेट के बीच जोखिम बैंलेस हो जाता है. इक्विटी के एक्सपोजर से बेहतर रिटर्न की संभावना रहती है और डेट के निवेश से सुरक्षा.
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Hybrid Mutual Funds: जिन फंड्स में इक्विटी एक्सपोजर ज्यादा होता है उनमें मध्यम से लंबी अवधि तक टिकने की सलाह दी जाती है. इन फंड्स के रिटर्न पर नजर डालें तो पाएंगे कि 5 साल की अवधि में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स ने 13 से 16 फीसदी तक की कमाई कराई है. डायरेक्ट प्लान में एक्सपेंस रेश्यो रेगुलर प्लान के मुकाबले कम होता है लेकिन इन्हें खरीदने के लिए सीधे AMC की वेबसाइट से खरीदना पड़ता है.
मिराए एसेट हाइब्रिड इक्विटी फंड ने 5 साल की अवधि में 16.09 फीसदी के रिटर्न दिए हैं. वहीं DSP इक्विटी एंड बॉन्ड फंड और केनरा रोबेको इक्विटी हाइब्रिड फंड ने इसी दौरान 15 फीसदी से ज्यादा की कमाई कराई है.
बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स के रिटर्न भी इसी दायरे में रहे हैं. इनमें 5 साल के दौरान निपॉन इंडिया बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, ABSL बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, और एडलवाइज बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने 13 फीसदी से ज्यादा के रिटर्न दिए हैं.
(Disclaimer: निवेश से पहले अपने आर्थिक सलाहकार की मदद लें)
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