मार्केट रेगुलेटर सेबी के फ्रैंकलिन टेंपलटन (Franklin Templeton) पर अगले 2 साल के लिए डेट फंड लॉन्च करने की रोक के बाद से निवेशकों में आई चिंता पर फंड हाउस ने कहा है कि इस फैसला का मौजूदा स्कीमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
सोमवार को सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) पर अगले 2 साल तक किसी भी डेट स्कीम के लॉन्च करने पर रोक लगाई. साथ ही AMC पर 5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेबी का कहना है कि कंपनी ने साल 2020 में 6 डेट स्कीमों के बंद करने में रेगुलेटरी नियमों का उल्लंघन किया है.
सेबी ने फ्रैंकलिन टेंपलटन (Franklin Templeton) से ये भी कहा है कि वह इन छह डेट स्कीमों के तहत मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस के तौर इकट्ठी की गई करीब 512 करोड़ रुपये की रकम को ब्याज समेत रिफंड करे. सेबी ने 100 पन्नों के आदेश में फ्रैंकलिन टेंपलटन पर ये कड़ी कार्रवाई की है.
फ्रैंकलिन टेंपलटन एसेट मैनेजमेंट (इंडिया) ने मंगलवार को AMC के 6 डेट स्कीमों के 2020 में बंद करने के मामले पर सेबी के ऑर्डर से असहमति जताते हुए कहा है कि वे सिक्योरिटीज अपैलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में फैसले को चुनौती देंगे.
सेबी के ऑर्डर पर जवाब देते हुए फ्रैंकलिन टेंपलटन (Franklin Templeton) के प्रवक्ता ने कहा, “हम सेबी के ऑर्डर में दी गई जानकारी से असहमत हैं और सिक्योरिटीज अपैलेट ट्रिब्यूनल में इसपर अपील करेंगे.” उनका कहना है कि कंपनी ने हमेशा कंप्लायंस, और रेगुलेटरी नियमों का पालन किया है.
जून 8 को निवेशकों को लिखे ई-मेल में फ्रैंकलिन टेंपलटन AMC के प्रेसिडेंट संजय सपरे ने कहा है कि सेबी के आदेश से उन 6 स्कीमों के मॉनेटाइजेशन प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बंद होने के बाद उन 6 डेट स्कीमों का लिक्विडेशन जारी है.
उन्होंने ये भी कहा है कि सेबी के ऑर्डर से कंपनी द्वारा मैनेज अन्य डेट, इक्विटी, हाइब्रिड और विदेशी स्कीमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. सपरे ने कहा कि मार्च 2021 तक कंपनी का AUM 61,000 करोड़ रुपये है और 20 लाख से ज्यादा निवेशक भारत में हैं.
फ्रैंकलिन टेंपलटन (Franklin Templeton) म्यूचुअल फंड ने 23 अप्रैल 2020 को निकासी की वजह से बने दबाव और बॉन्ड मार्केट में लिक्विडिटी की कमी का हवाला देते हुए 6 डेट स्कीमों को बंद करने का ऐलान किया था. इनमें फ्रैंकलिन लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्रुअल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम ऑपर्च्युनिटीज फंड शामिल थें. इन 6 स्कीमों में कुल 25,000 करोड़ रुपये का ऐसेट था.
इन 6 बंद पड़ी स्कीमों में से 30 अप्रैल 2021 तक निवेशकों को 14,572 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं और 4 जून 2021 तक 3,205 करोड़ रुपये और उपलब्ध थे.
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