Emergency Fund यानि कि आपात स्थिति में खर्चा चलाने वाला पैसा. वजह कोई भी हो सकती है नौकरी चले जाना, सैलरी कम हो जाना या फिर कोई जानलेवा हादसा जो आपकी कमाई को कम कर दे या रोक भी सकती है. लेकिन, अगर आपने ऐसे बुरे वक्त के लिए पैसे बचाकर रखे होंगे तो कम से कम कुछ दिन तो बिना किसी स्ट्रेस के निकल जाएंगे जब तक की आप कोई और विकल्प नहीं तलाश लेते.
अनदेखे परिस्थितियों के लिए तैयारी रखनी ज़रूरी है. इमरजेंसी फंड वो सुरक्षा कवच है, जो आपको Financial emergency से निपटने में मदद करता है. सर्टिफाईड फाइनेंशियल प्लानर पूनम रूंगटा का कहना है कि कोविड ने हमें इमरजेंसी क्या होती है ये बता दिया है और साथ ही आपता स्थिति के लिए तैयरी कितनी ज़रूरी होती है. कम से कम इतना पैसा रिजर्व में आपके पास होना चाहिए कि 9-12 महीने के आपके परिवार के रोज़ना के खर्चे निकल जाएं. खाने-पीने का खर्चा, घर का रेंट, लोन की EMI बच्चों के स्कूल की फीस इन सब को कैलकुलेट करें और फिर देखें कि अगर आपकी सैलरी न आए तो आपके पास इन खर्चों के लिए पैसे हों.
इमरजेंसी फंड का पैसा हमेशा ऐसी जगह रखना चाहिए जिसे आप तुरंत निकाल सकें. ज्यादातर लोग फिक्सड डिपॉजिट को इमरजेंसी फंड मानने की गलती कर बैठते हैं. लेकिन, FD से बेहतर है कि आप इमरजेंसी फंड का पैसा सेविंग्स अकाउंट में रखें या फिर ऐसे लिक्विड म्यूचुअल फंड में जो 24 घंटे में तुरंत रीडिम किए जा सके.