म्यूचुअल फंड में बहुत सारी कैटेगरी और थीम हैं जो आपको किसी एक सेक्टर में पैसे लगाने का मौका देती हैं. ऐसी ही एक कैटेगरी को ESG स्कीम से जाना जाता है. जिसमें E का मतलब है एनवायरनमेंट यानी पर्यावरण, S का मतलब है सोशल और G का मतलब है गवर्नेंस. ESG स्कीम ऐसे शेयरों की तलाश करती हैं जो पर्यावरण, सामाजिक और शासन से जुड़े सिद्धांतों का पालन करते हैं.
विकसित देशों में जिम्मेदार व्यक्तिगत निवेशक और संस्थागत निवेशक दोनों ही ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदने के मामले में बहुत सक्रिय हैं, लेकिन भारत के निवेशक इस मामले में अभी बहुत पीछे हैं. फाइनेंशियल सर्विसेस कंपनी मॉर्निंगस्टार के मुताबिक, भारत में ESG के तहत 10 फंड उपलब्ध हैं.
ESG क्या है?
कंपनी का प्रॉफिट जितना महत्वपूर्ण है उतने ही महत्वपूर्ण ये तीन (E, S और G) पहलू भी हैं. ESG इनवेस्टमेंट की नींव कंपनियों के बनाए गए मुनाफे की बजाय इस पैसे को हासिल करने के तौर-तरीकों पर टिकी होती है.
ESG स्कीमें स्ट्रक्चर्ड हैं और ये कंपनियों की सस्टेनेबिलिटी को नापने का बेहतर तरीका है. इसमें कंपनियों की कारोबारी गतिविधियों में छिपे जोखिम की पहचान की जा सकती है. सरल शब्दों में कहें तो ESG इनवेस्टिंग का मतलब उन कंपनियों के शेयरों का पोर्टफोलियो बनाने से है जो पर्यावरण, समाज और गवर्नेंस संबंधी ऊंचे मानकों को पूरा करती हैं.
ESG स्कीम ने दिया तगड़ा रिटर्न
भारत में उपलब्ध ESG स्कीम ने पिछले एक साल में 45% से ज्यादा रिटर्न दिया है. सबसे पुरानी SBI मैग्नम इक्विटी ESG स्कीम ने 5 साल में 15% रिटर्न दिया है. ESG स्कीम का ऐक्स्पेंस रेशियो 2% से ऊपर है, केवल 2019 में लॉन्च हुए क्वॉन्टम इंडिया ESG स्कीम का ऐक्स्पेंस रेशियो 1.68% है.
टॉप-3 ESG स्कीम का 1 साल का रिकॉर्डः
फंड / स्कीम |
1 साल में रिटर्न |
ऐक्स्पेंस रेशियो |
SBI Magnum Equity ESG Fund |
54.19% |
2.13% |
Axis ESG Equity Fund – Regular Plan |
46.63% |
2.15% |
Quantum India ESG Equity Fund – R-G |
62.64% |
1.68% |
स्रोत: valueresearchonline.com (रिटर्न का कैल्कुलेशन 25 जून तक है) |
ESG फंड्स कहां करते हैं निवेश?
ESG फंड्स का अधिकतम निवेश लार्ज-कैप शेयर में होता है. इनके पोर्टफोलियो में भारती एयरटेल, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, हैवेल्स, HDFC बैंक, विप्रो, TCS, कोटक बैंक, ICICI बैंक, L&T, पेज इंडस्ट्रीज, नेस्ले जैसे शेयर शामिल है. ये फंड्स 20% जितना निवेश मिड-कैप, स्मॉल-कैप और डेट एवं मनी मार्केट जैसी अन्य कैटेगरी में भी करते हैं.
AMFI-रजिस्टर्ड म्यूच्युअल फंड डिस्ट्रिब्युटर नीतिन शाह बताते हैं, “ऐसा नहीं मान लेना चाहिए कि ये सारे फंड्स समान हैं क्योंकि कुछ फंड्स ग्लोबल स्टॉक्स में निवेश करते है वहीं कुछ फंड पैसिव भी हैं. हरेक फंड की अपनी-अपनी सेक्टर प्राथमिकताएं और मार्केट-कैप हैं.”
ESG इनवेस्टमेंट के साथ चुनौतियां
ESG इनवेस्टिंग में कुछ चुनौतियां हैं और प्राथमिक चुनौती है गुणवत्ता वाले डेटा की कमी. भारत में कई कंपनियां अच्छी सस्टेनेबिलिटी प्रैक्टिस नहीं अपनाती हैं इसलिए गुणवत्ता वाला डेटा नहीं मिल पाता है.
ESG रेटिंग एजेंसियों द्वारा डेटा संग्रह, विश्लेषण और रेटिंग पद्धति में अंतर के कारण ESG रेटिंग में विसंगति है. ESG कारकों को पर्याप्त रूप से मापने के लिए विश्वसनीय और मानकीकृत मैट्रिक्स की कमी के चलते अलग-अलग फर्मों की तुलना में गड़बड़ियां होती हैं.
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