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फंडों के रेगुलर प्‍लान चुनें या डायरेक्‍ट, किसमें है ज्‍यादा फायदा?

दोनों स्कीम एक ही हैं लेकिन दो तरीके से इसमें आप निवेश कर सकते हैं.

  • हिमाली पटेल
  • Last Updated : April 9, 2024, 17:04 IST
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जब भी आप म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना चुनते हैं तो आपके पास दो तरह से निवेश करने का विकल्प रहता है. एक डायरेक्ट और दूसरा रेगुलर प्लान. दोनों स्कीम एक ही हैं लेकिन दो तरीके से इसमें आप निवेश कर सकते हैं. लेकिन इन दोनों में फिर अंतर क्या है और आपके लिए कौन सा तरीका बेहतर है समझते हैं 9 प्वाइंटस में –

1. क्या होते हैं डायरेक्ट और रेगुलर प्लान?

डायरेक्‍ट प्‍लान में निवेशक किसी म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम में बिना डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट के सीधे निवेश कर सकता है. दूसरी तरफ, रेगुलर प्‍लान में किसी म्‍यूचुअल फंड डिस्‍ट्रीब्‍यूटर या एजेंट की मदद से इन्वेस्टमेंट किया जाता है.

2.दोनों तरह के निवेश में क्या समानता है?

डायरेक्‍ट प्‍लान और रेगुलर प्‍लान किसी एक ही म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम में मिलने वाले दो विकल्‍प हैं. इसे ऐसे समझिए कि निवेशक को एक प्लान की दो वेरायटी मिलती है. स्कीम एक, पोर्टफोलियो और फंड मैनेजर एक ही होता है.

3.रेगुलर और डायरेक्ट में अंतर

रेगुलर और डायरेक्ट के जरिए आप स्कीम में निवेश करते हैं. इन दोनों में अंतर बस एक्‍सपेंस रेश्‍यो यानी इन पर लगने वाले खर्च का है. रेगुलर प्‍लान के मुकाबले डायरेक्‍ट प्‍लान का खर्च कम होता है. इसकी वजह यह है कि डायरेक्‍ट प्‍लान में किसी डिस्‍ट्रीब्‍यूटर या एजेंट की जरूरत नहीं होती. डायरेक्ट प्लान में ब्रोकर और डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन नहीं देना होता. इसलिए इसकी सालाना लागत यानी एक्सपेंस रेशियो कम हो जाती है. डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेश्यो 0.6 से 1% के बीच रहता है. Regular Plan की लागत 1.7 से 2.44% तक होती है.

4. डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट में बढ़त

डायरेक्ट म्यूचुअल फंड पर कम लागत का मतलब हुआ कि निवेशक का पैसा कमाशन में कम औऱ निवेश पर ज्यादा लगेगा. इस निवेश के ऑप्शन में बढ़त भी देखने के मिल रही है. म्यूचुअल फंड उद्योग के संगठन AMFI के आंकड़े बताते हैं. कि जहां फरवरी 2023 में देश के करीब 20 फीसदी रिटेल निवेशकों ने म्यूचुअल फंड्स में सीधे निवेश किया. ये आंकड़ा फरवरी 2024 में लगभग 23 फीसद पर पहुंच गया. इस तरह रिटेल निवेशकों के डायरेक्ट निवेश में एक साल में 15% की ग्रोथ रही.

5. कैसे करें निवेश?

म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में AMC की वेबसाइट, स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म, म्यूचुअल फंड यूटिलिटी यानी MFU या डिजिटल चैनलों के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश किया जा सकता है. बाजार में कई फिनटेक कंपनियां अब डायरेक्ट म्यूचुअल फंड्स में निवेश के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया करा रही हैं. इनमें कुछ फ्री में ये सुविधा दे रही हैं, जबकि कुछ फीस ले रही हैं.

6.निवेश कितना सुरक्षित?

अब सवाल उठता है कि डायरेक्ट प्लान में निवेश कितना सुरक्षित है? ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट की सुविधा देने वाले ज्यादातर फ्लेटफॉर्म सेबी के साथ पंजीकृत हैं और रेगुलेटर के सख्त नियमों के दायरे में आते हैं. इनको सेबी की प्राइवेसी और सिक्योरिटी से जुड़ी नीतियों का पालन करना होता है. फिलहाल अधिकांश प्लेटफॉर्म्स को स्टार्टअप संभाल रहे हैं. ऐसी संभावना हो सकती है कि आने वाले समय में कुछ प्लेटफॉर्म बंद हो जाएं या फिर बड़ी कंपनियां इन्हें खरीद लें.

लेकिन निवेशकों को चिंता नहीं होनी चाहिए क्योंकि भविष्य में अगर प्लेटफॉर्म किसी कारण बंद हो जाता है. या कोई दूसरी कंपनी उसे खरीद लेती है. तब भी आपका पैसा म्यूचुअल फंड कंपनी के पास सुरक्षित रहेगा. किसी भी फंड का एक रजिस्ट्रार होता है. सेबी की ओर से नियुक्त ये रजिस्ट्रार आपके निवेश पर नजर रखेगा.

7. सेबी का फ्रेमवर्क

इन्वेस्टमेंट सुरक्षित करने के लिए सेबी ने जून 2023 में एक नया फ्रेमवर्क पेश किया था. जिसके तहत, डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट की सेवा देने वाले प्लेटफॉर्म्स को execution only platform यानी EOP के लिए आवेदन करना होगा. म्यूचुअल फंड्स के डायरेक्ट प्लान में EOP का मतलब है. ऐसे डिजिटल या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जो म्यूचुअल फंड योजनाओं के डायरेक्ट प्लान में सब्सक्रिप्शन, रिडेम्पशन और निवेश को स्विच करने की सुविधाएं दे रहे हैं.

ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म स्टॉक ब्रोकर या रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (RIA) लाइसेंस के तहत काम करते हैं. जो निवेशकों को म्यूचुअल फंड योजनाएं खरीदने और बेचने की सुविधाएं देते हैं. RIA नियमों के तहत जो निवेशक बिना किसी सलाह के म्यूचुअल फंड खरीद और बेच रहे हैं. उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए लेनदेन से जुड़े जोखिमों से सुरक्षा नहीं मिलती थी. इसी बात को ध्यान में रखते हुए सेबी ने कहा कि EOP एंफी के साथ रजिस्टर्ड होकर AMC के साथ एजेंट के रूप में काम कर सकते हैं, जो कैटेगिरी-1 के रूप में जाने जाएंगे… या सेबी के साथ स्टॉक ब्रोकर के रूप में रजिस्टर्ड होकर निवेशकों के एजेंट के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो कैटेगिरी-2 में आएंगे.

8. कौन करे निवेश?

तो फिर किसे करना चाहिए म्यूचुअल फंड्स के डायरेक्ट प्लान में निवेश? Wiseinvest के CEO हेमंत रुस्तगी कहते हैं कि Execution Only Platforms यानी EOPs के लिए फ्रेमवर्क आने के बाद. म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश काफी हद तक सुरक्षित हो गया है. EOP निवेशकों को अब साइबर सुरक्षा, टेक्नोलॉजी और शिकायत दर्ज करने की सुविधा मुहैया करा रहे हैं. आने वाले समय में डायरेक्ट प्लान से जुड़ी सुविधाएं और बढ़ेंगी. अगर आपको म्यूचुअल फंड्स के बारे में समझ है तो डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं. यानी, डायरेक्ट प्लान ऐसे अनुभवी निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हैं, जिन्हें डिस्ट्रीब्यूटर या वित्तीय सलाहकारों की जरूरत नहीं है. अगर आपको म्यूचुअल फंड्स की बारीक समझ नहीं है तो फिर डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए ही निवेश करना चाहिए.

9. रिटर्न

म्यूचुअल फंड्स के डायरेक्ट प्लान में कम लागत की वजह से रेगुलर प्लान की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है. इससे लंबी अवधि के निवेशकों को फायदा होता है. हालांकि डायरेक्ट प्लान में निवेश के लिए आपको म्यूचुअल फंड्स के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए. साथ ही निवेश को लेकर जागरूक रहना होगा.

Published - April 9, 2024, 04:56 IST

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