हाल ही में आपने पढ़ा होगा कि नो योर कस्टमर (KYC) के नियमों में हुए बदलाव से कई म्यूचुअल फंड निवेशक KYC Hold या KYC Registered की कैटेगरी में आ गए थे. ऐसे निवेशकों के ऊपर निवेश को लेकर कुछ प्रतिबंध लगाए गए थे. ऐसे निवेशकों को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने बड़ी राहत दी है. सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि KYC Registered होने के लिए अब परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और आधार (Aadhaar) का लिंक होना जरूरी नहीं है. हालांकि, केवाईसी वैलिडेटेड स्टेटस के लिए पैन और आधार का लिंक होना जरूरी है.
KYC क्या है और क्यों जरूरी है?
बैंक, म्यूचुअल फंड कंपनियों और स्टॉक ब्रोकर्स के लिए KYC करना अनिवार्य है ताकि निवेश से पहले निवेशक के पहचान की तस्दीक की जा सके. केवाईसी प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि निवेश की सुविधा देने वाली कंपनियां अपने ग्राहकों को जानती हैं और इससे फर्जी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है.
PAN को आधार के साथ लिंक करना किया था अनिवार्य
Sebi ने अक्टूबर 2023 में एक सर्कुलर जारी कर कहा था कि म्यूचुअल फंड के सभी निवेशक अपने पैन को आधार के साथ लिंक करवा लें, ताकि उनकी केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो जाए. इसकी समयसीमा 31 मार्च 2024 तय की गई थी. कहा गया था कि अगर पैन और आधार लिंक नहीं हुआ तो केवाईसी प्रक्रिया होल्ड पर कर दी जाएगी, इसके बाद निवेश संबंधी गतिविधियां रोक दी जाएंगी. इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया था कि KYC प्रक्रिया पूरी करने के लिए बैंक का पासबुक या खाते का स्टेटमेंट भी एड्रेस प्रूफ के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, इन बदलावों की वजह से लगभग 1.30 करोड़ खाते प्रभावित हुए, जिनके केवाईसी पूरे नहीं हुए थे.
मिली निवेशकों को राहत
14 मई को जारी रिवाइज्ड सर्कुलर में Sebi ने निवेशकों को राहत दी है. अब केवाई रजिस्टर्ड स्टेटस के लिए पैन-आधार लिंकिंग जरूरी नहीं है. अब केवाईसी रजिस्टर्ड स्टेटस के लिए दूसरे ऑफिशियली वैलिड डॉक्यूमेंट्स जैसे आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी कार्ड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.