गो एयरलाइंस (GoAir) ने रीब्रांडिंग के साथ ही शुरुआती शेयर बिक्री के लिए आवेदन दिया है. गो फर्स्ट नाम से कंपनी रीब्रैंड कर रही है और एयरलाइन ने 3,600 करोड़ रुपये के इनिशियल पब्लिक ऑफर के लिए आवेदन दिया है. कंपनी ने जानकारी दी है कि इस रकम का इस्तेमाल बकाया चुकाने के लिए करेगी. गौरतलब है कि कोविड-19 की दूसरी लहर में एविएशन इंडस्ट्री को हवाओं के गर्म रुख का सामना करना पड़ रहा है.
लिस्टिंग होने पर ये भारतीय शेयर बाजार के एक्सचेंज पर तीसरी लिस्टेड एयरलाइन कंपनी होगी. फिलहाल स्पाइसजेट और इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो एयरलाइन) स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड हैं. जेट एयरवेज का कारोबार अप्रैल 2019 से बंद पड़ा है.
वाडिया ग्रुप की इस एयरलाइन ये रकम नए इक्विटी शेयर जारी कर जुटाने की तैयारी में है. इसके अलावा कंपनी प्री-IPO अलॉटमेंट के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटानी की भी योजना बना रही है.
वित्त वर्ष 2020 (अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच) एयरलाइन को 1,270.74 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था और कुल आय 7,258.01 करोड़ रुपये रही.
IPO के जरिए जुटाई रकम से एयरलाइन 2,015.81 करेड़ रुपये की उधारी का बकाया चुकाएगा.
वहीं 279.26 करोड़ रुपये लेटर ऑफ क्रेडिट्स के रिप्लेसमेंट में जाएगा जो एयरक्राफ्ट का किराया चुकाने और मेन्टेनेंस और कैश डिपॉजिट के काम आता है.
इसके अलावा गोएयर (GoAir) इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को फ्यूल के लिए बकाया 254.93 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी.
गोएयर (GoAir) में वाडिया ग्रुप की 73.33 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि बेमैनको इन्वेस्टमेंट्स का 21.05 फीसदी हिस्सा है. इसके अलावा हीरा होल्डिंग्स एंड लीजिंग, सी विंड इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग कंपनी, निधिवान इन्वेस्टमेंट्स एंड ट्रेडिंग कंपनी और साहारा इन्वेस्टमेंट्स की हिस्सेदारी है.
इस मुश्किल दौर में भी कंपनी के मैनेजमेंट को उम्मीद दिख रही है.
एयरलाइन ने एयरबस A320 नियो प्लेन के 144 एयरक्राफ्ट की डिलिवरी के लिए ऑर्डर दिया है जिसमें से 46 एयरक्राफ्ट की डिलिवरी हो गई है.
31 जनवरी 2020 तक के डाटा के मुताबिक कंपनी देश के अंदर 28 घरेलू और 9 अंतरराष्ट्रीय डेस्टिनेशंस के लिए भड़ान भरती थी.
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