देश में कर्ज महंगा होने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है. एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक सहित कई बड़े बैंकों ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा कर दिया है. इससे कई तरह के लोन महंगे हो गए हैं. HDFC Bank ने अपना कर्ज 10 बेसिस पाइंट तक महंगा किया है जबकि एसबीआई ने ऑटो लोन में 0.2% तक की बढ़ोतरी की है. ब्याज दर बढ़ने से लोगों पर अब EMI का बोझ बढ़ जाएगा.
गौरतलब है कि ज्यादातर बैंक रेपो-रेट में बदलाव के बाद ही मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी करते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 के बाद से रेपो-रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.
इन बैंकों ने बढ़ा दिए ब्याज दर
एसबीआई ने ऑटो लोन पर 8.85 प्रतिशत ब्याज वसूल रही है जो पहले यह 8.65 प्रतिशत था. बैंक ऑफ बड़ौदा ने ऑटो लोन्स को 8.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.8 प्रतिशत कर दिया है. इसके साथ ही बैंक प्रोसेसिंग फीस भी ले रहे हैं. यूनियन बैंक की ऑटो लोन्स अब 9.15 प्रतिशत की ब्याज दर वसूल रहा है जो पहले 8.75 प्रतिशत था.
HDFC बैंक ने अपने कर्ज में 10 बेसिस पाइंट तक का इजाफा किया है. आईडीएफसी फर्स्ट बैंक पर्सनल लोन पर ब्याज दर 10.49 प्रतिशत से बढ़ाकर 10.75 प्रतिशत कर दिया है. वहीं, कर्नाटक बैंक अब पर्सनल लोन पर ब्याज दर 14.21 प्रतिशत से बढ़ाकर 14.28 प्रतिशत कर दिया है
क्या होता है एमसीएलआर?
एमसीएलआर (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) वह न्यूनतम दर होती है जिसके नीचे कोई भी बैंक ग्राहकों को लोन नहीं दे सकता है. यानी बैंक इस रेट के नीचे ग्राहकों को लोन नहीं दे सकते. ये जितना बढ़ेगा, लोन पर ब्याज भी उतना बढ़ेगा. बैंकों के लिए हर महीने अपना ओवरनाइट, एक महीने, तीन महीने, छह महीने, एक साल और दो साल का एमसीएलआर घोषित करना अनिवार्य होता है.