आजकल ज्यादातर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेते हैं. एफडी या अन्य एसेट पर लिए जाने वाले सिक्योर्ड लोन में काफी झंझट होते हैं. इसमें कई फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होती है, जबकि क्रेडिट कार्ड पर लिए जाने वाले कर्ज या पर्सनल लोन में ऐसी दिक्कतें कम आती हैं. बिना कुछ गिरवी रखे, आसानी से मिलने वाले इस लोन को लोग ज्यादा ले रहे हैं. मगर अनसिक्योर्ड लोन की बढ़ती तेजी को देख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की चिंता बढ़ गई है. ऐसे में इस पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई बराबर नजर रख रहा है, उसे डर है कि कहीं डिफॉल्टरों की संख्या बढ़ने की वजह से बैंकों को नुकसान न झेलना पड़े. देशभर में तेजी से बढ़ते अनसिक्योर्ड लोन खतरे की घंटी बजा रहे हैं. बात यहां तक आ गई है कि अब इन कर्जों पर रोक लगाने के लिए नियामक को दखल करना होगा यानी अनसिक्योर्ड लोन पर सख्ती की जाएगी..
असुरक्षित लोन में आई तेजी साल 2022-23 के बीच, बैंकों ने लोगों को 2.2 लाख करोड़ रुपए का असुरक्षित लोन बांटा है. अगर इस समय बैंकों की ओर से कॉरपोरेट्स को दिए गए लोन की तुलना करें तो ये महज1.18 लाख करोड़ रुपए का था. इससे पता चलता है कि कैसे असुरक्षित ऋण और क्रेडिट कार्ड लेने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. अप्रैल 2019-2023 के दौरान, भारतीय बैंकों के पोर्टफोलियों में पर्सनल लोन दिए जाने के आंकड़े में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई, पहले जहां ये महज 5.5 लाख करोड़ रुपए था, जो अब बढ़कर 11.1 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
क्रेडिट कार्ड का बढ़ा इस्तेमाल वर्तमान में, भारत में एक्टिव डेबिट कार्ड की संख्या क्रेडिट कार्ड के मुकाबले करीब 10 गुना ज्यादा है. इसके बावजूद क्रेडिट कार्ड की बढ़ती लोकप्रियता के कारण डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कम हो रहा है. क्रेडिट कार्ड तेजी से चरणवार तरीके से भारतीय शहरों में अपनी पकड़ बना रहे हैं. डेबिट और क्रेडिट कार्ड के उपयोग के बीच लगातार बढ़ते इस अंतर को लेकर आरबीआई ने चेतावनी भी दी है. हाल ही में आरबीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि अप्रैल में डेबिट कार्ड के माध्यम से 25.6 करोड़ लेनदेन किए गए जबकि क्रेडिट कार्ड के जरिए 26.3 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए. कार्ड स्वाइप में क्रेडिट कार्ड ने बाजी मारी. आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष के दौरान क्रेडिट कार्ड स्वैप में 20% की वृद्धि हुई है, जबकि डेबिट कार्ड स्वाइप 31% कम हो गए हैं.
डिफॉल्ट का रहता है खतरा असुरक्षित ऋण आमतौर पर लोग अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लेते हैं. मगर इसमें डिफॉल्ट का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की नौकरी छूट गई या अन्य कोई वित्तीय संकट आ जाए तो वह लोन नहीं चुका पाते हैं. ऐसे में बैंकों के लिए रिकवरी में दिक्कत आती है. हालांकि ये कर्ज ऊंची ब्याज वाले होते हैं इसलिए बैंक ऐसे ऋणों पर जोखिम लेने को भी तैयार हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? विशिंग ट्री फिन (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड की संस्थापक नेमा छाया बुच कहती हैं, “आपके क्रेडिट कार्ड पर लिया जाने वाला पर्सनल लोन सबसे महंगा है, इसलिए उनसे बचें. इसके अलावा अपने नाम पर कई क्रेडिट कार्ड न लें, इससे क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है. इसके अलावा अपने क्रेडिट की लिमिट भी न बढ़ावाएं क्योंकि ऐसा करने से आपको भारी ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा.
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