जब भी सोने में निवेश की चर्चा होती है तो इसमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी एसजीबी का नाम सबसे पहले आता है. आठ साल पहले जब एसजीबी की पहली सीरीज लॉन्च हुई थी तब इस बॉन्ड में 1 ग्राम सोने की कीमत 2,684 प्रति ग्राम थी. अब यह 6,000 रुपए के स्तर पर है. इस तरह बॉन्ड ने सालाना 12 फीसद का रिटर्न दिया है. इसमें बॉन्ड से होने वाली तय ब्याज आय भी शामिल है. कई तरह के लाभ होने की वजह से निवेश के लिए एसजीबी शानदार विकल्प साबित हो रहा है.
गिरवी रखकर ले सकते हैं लोन
क्या आप जानते हैं कि आरबीआई की ओर से जारी होने वाले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करके आप लोन का फायदा उठा सकते हैं. इस बॉन्ड को कोलैट्रल यानी गिरवी रखकर आसानी से लोन लिया जा सकता है. लगभग सभी बैंक और नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपिनयां एसजीबी के एवज में लोन की सुविधा दे रहे हैं. एसजीबी पर लोन के नियम काफी हद तक गोल्ड लोन से मिलते जुलते हैं. ज्यादातर वित्तीय संस्थान बॉन्ड कीमत का 70 फीसद तक लोन दे रहे हैं. गोल्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलरी एसोसिएशन के 24 कैरेट गोल्ड के औसत के आधार पर निकाली जाती है. बैंक एसजीबी पर 20 हजार से 25 लाख रुपए तक का लोन दे रहे हैं. एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार बैंक एसजीबी पर दो तरह से लोन दे रहा है. पहला टर्म लोन और दूसरा ओवर ड्राफ्ट के जरिए. टर्म लोन में लोन की राशि आवेदन के दिन ही बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. ओवर ड्रॉफ्ट में जरूरत के अनुसार लोन की राशि का उपयोग कर सकते हैं. आप जितनी रकम यूज करेंगे उसी पर ब्याज लगेगा. अन्य बैंकों के भी इसी तरह के नियम हैं.
एसजीबी पर लोन सिक्योर्ड लोन की कैटेगरी में आता है, इसलिए यह पर्सनल लोन की तुलना में सस्ता पड़ता है. एसबीआई एसजीबी के लोन पर सालाना 10.55 फीसद ब्याज ले रहा है. यूनियन बैंक 11.15 से 11.55 और इंडियन बैंक 9.05 से 9.90 फीसद की दर पर यह लोन दे रहा है. निजी क्षेत्र के फेडरल बैंक के लोन की ब्याज 12.50 फीसद है. अगर पर्सनल बैंक की बात करें इसकी ब्याज दरें 11 से 24 फीसद तक हैं. सभी संस्थान एसजीबी लोन पर प्रोसेसिंग फीस लेते हैं. जैसे एसबीआई लोन की राशि पर 0.5 फीसद या फिर 500 रुपए जो भी ज्यादा हो, प्रोसेसिंग फीस के रूप में ले रहा है. बैंकों की प्रोसेसिंग फीस में अंतर हो सकता है.
क्या है लोन की प्रक्रिया?
एसजीबी पर लोन लेने की प्रक्रिया एकदम आसान है. इसमें एजुकेशन या पर्सनल लोन की तरह ज्यादा कागजी कार्रवाई की जरूरत नहीं पड़ती. एसजीबी लोन की रकम के इस्तेमाल पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है. आप इस लोन का इस्तेमाल किसी भी काम में कर सकते हैं. फिर चाहे बच्चे का एडमिशन हो या फिर किसी बीमारी के इलाज में. एसबीआई की तरह कुछ बैंक सिर्फ उन्हीं एसजीबी पर लोन दे रहे हैं जो उसके द्वारा जारी किए गए हैं और लोन भी उसी ब्रांच से मिलेगा जिससे बॉन्ड खरीदा है. इंडियन बैंक एसजीबी के सर्टिफिकेट या डीमैट की होल्डिंग को गिरवी रखकर लोन दे रहा है. इस लोन को लेने के लिए आपका बैंक बचत खाता होना जरूरी है. बहरहाल, आपको फिजिकल सर्टिफिकेट और डीमैट खाते में जमा एसजीबी पर लोन मिल जाएगा.
लोन का भुगतान
एसबीआई समेत अधिकतर बैंक एसजीबी पर टर्म लोन एक साल के लिए और ओवर ड्राफ्ट की सुविधा 3 साल के लिए दे रहे हैं. अगर आप टर्म लोन लेते हैं तो लोन की अवधि पूरी होने पर लोन की राशि ब्याज सहित चुकानी होगी. ओवर ड्राफ्ट की सुविधा में ब्याज का भुगतान प्रतिमाह के हिसाब से करना होगा. लोन चुकता होने पर आपके बॉन्ड से जुड़े पेपर वापस मिल जाएंगे. राहत की बात यह है कि एसबीआई सहित ज्यादातर बैंक लोन के प्रीपेमेंट या फिर समय से पहले लोन चुकाने पर कोई पेनाल्टी नहीं ले रहे हैं.
अगर आपने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया है और पैसों की अचानक जरूरत पड़ जाए तो इस एसजीबी पर लोन का अच्छा विकल्प है. बैंक और फाइनेंस कंपनियों की ब्याज दरों में काफी अंतर है, इसलिए सस्ता लोन लेने के लिए ब्याज दरों की तुलना करें. इससे आप ब्याज के रूप में अच्छी खासी बचत कर सकते हैं.
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