भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का रेपो दर को स्थिर रहने का फैसला व्यावहारिक और अपेक्षित है. इससे होम और कंज्यूमर लोन की मासिक किस्त (EMI) स्थिर रहेगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की लगातार तीसरी बैठक में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. केंद्रीय बैंक ने हालांकि महंगाई और बढ़ने पर सख्त नीति का संकेत दिया है. मौद्रिक नीति समिति ने आम राय से रेपो दर को 6.50 फीसद पर कायम रखा है.
उद्योग मंडल एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद आरबीआई-एमपीसी के पास कई सकारात्मक बातें भी थीं, जैसे 6.5 फीसद की जीडीपी वृद्धि, विनिर्माण क्षेत्र में क्षमता उपयोग में वृद्धि और प्रमुख क्षेत्रों में निजी निवेश का पुनरुद्धार. उद्योग निकाय फिक्की के अध्यक्ष शुभ्रकांत पांडा ने कहा कि एमपीसी ने नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाकर संतुलित दृष्टिकोण अपनाया है, जो मुद्रास्फीति को लक्षित करते हुए वृद्धि का समर्थन करेगा. उन्होंने कहा कि हाल में अल-नीनो प्रभाव के कारण परिदृश्य अस्पष्ट बना हुआ है, कठिन वैश्विक परिदृश्य पर सावधानी के साथ निगरानी की जरूरत है.
रियल एस्टेट क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ ही महंगाई पर काबू पाने में मददगार साबित होगा. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि मौजूदा ब्याज दर अब भी काफी अधिक है और यह किफायती आवास खंड के लिए चिंता का विषय है.
रियल एस्टेट सलाहकार सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंशुमान मैगजीन ने कहा कि हम रेपो दर में बदलाव न करने के आरबीआई के फैसले का स्वागत करते हैं. पिछले साल लगातार दरों में बढ़ोतरी के बाद से उच्च ब्याज दर को देखते हुए इस कदम से आवास क्षेत्र को राहत मिलने की उम्मीद है. यह आर्थिक वृद्धि को गति देने के साथ ही मुद्रास्फीति पर काबू करने में मदद करेगा.
गौड़ ग्रुप के सीएमडी और क्रेडाई के चेयरमैन मनोज गौड़ ने रेपो रेट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेपो दर में बढ़ोतरी पर आरबीआई की रोक घर खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है. यह विकास क्षेत्र को एक नई निश्चितता प्रदान करता है कि आरबीआई जल्द ही दर को नहीं बढ़ाएगा. यदि अर्थव्यवस्था अपनी प्रगति जारी रखती है तो भविष्य में कटौती भी हो सकती है. 6.5% की वर्तमान दर अभी भी उच्च स्तर पर है और कम से कम किफायती आवास सेक्टर के लिए चिंता का विषय है.
एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा का कहना है कि आरबीआई ने लगातार तीसरी बार यथास्थिति बरकरार रखते हुए रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया. यह निरंतर रवैया वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में आरबीआई के विश्वास को दर्शाता है और संभावित घर खरीदारों के लिए आश्वासन की मार्गदर्शक रोशनी के रूप में कार्य करता है. यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित रूप से मुद्रास्फीति के विकास को देखकर रियल एस्टेट क्षेत्र किसी भी वित्तीय चुनौतियों का सामना किए बिना बढ़ सके.
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि आरबीआई का 6.5 फीसदी पर लगातार रेपो दर बनाए रखना रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में शानदार कदम है। यह कदम निवेश और आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देगा और मुद्रास्फीति के दबावों से बचाएगा। आरबीआई का निर्णय एक मजबूत और स्थायी रेसिडेंशियल मार्केट को बढ़ावा देगा. मुद्रास्फीति के रुझान की उचित निगरानी और बहुत जरूरी हस्तक्षेप रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए शानदार विकास सुनिश्चित करते हैं। हम आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र में अपरिवर्तित वृद्धि के बेहतर परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं.
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के संस्थापक और अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित घर खरीदारों पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक आशाजनक कदम है. पिछले कुछ महीनों में देखी गई मासिक ईएमआई में वृद्धि ने मध्यम और निम्न-आय वर्ग के उन व्यक्तियों के बजट को काफी हद तक बाधित कर दिया है जो घर खरीदने की इच्छा रखते हैं। एक स्थिर ब्याज दर के माहौल को बनाए रखने से एक आशाजनक अनुमान है कि इन संभावित खरीदारों को अपनी घर खरीदने की योजना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इससे किफायती और मध्य-आवास गृह खंड में एक नई गति की भावना आने की उम्मीद है.
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