देश में तेजी से बढ़ते क्रेडिट कार्डधारकों की संख्या और अनसिक्योर्ड लोन की मांग के चलते डिफॉल्ट के मामले भी बढ़ गए हैं. वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया है कि मार्च 2023 में क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट बढ़कर 4,072 करोड़ रुपए हो गया है. आरबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मार्च 2022 में क्रेडिट कार्ड से डिफॉल्ट 3,122 करोड़ रुपए था. वहीं मार्च 2022 और मार्च 2023 में क्रेडिट कार्ड की कुल आउटस्टैंडिंग क्रमश: 1.64 लाख करोड़ रुपए और 2.10 लाख करोड़ रुपए थी.
भागवत कराड ने बताया है कि पिछले साल की तुलना में मार्च 2022 में क्रेडिट कार्ड का एनपीए घटकर 1.9 फीसद पर आ गया था, जबकि मार्च 2021 में यह आंकड़ा 3.56 फीसद था. वहीं मार्च 2023 में वाणिज्यिक बैंकों के एनपीए 3.87 फीसद के मुकाबले मार्च 2023 में क्रेडिट कार्ड का एनपीए 1.94 फीसद रहा है.
जानिए धोखाधड़ी के कितने मामले आए सामने
राज्य मंत्री ने दूसरे प्रश्न के जवाब में कहा कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान सहकारी बैंकों की ओर से धोखाधड़ी के कुल 964 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 791.40 करोड़ रुपए की राशि शामिल थी. वहीं वित्त वर्ष 2022 में 536.59 करोड़ रुपए के 729 धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए, जबकि वित्त वर्ष 2021 में 1,985.79 करोड़ रुपए की 438 धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए.
आरबीआई ने जताई थी चिंता
कुछ समय पहले आरबीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अप्रैल में डेबिट कार्ड के माध्यम से 25.6 करोड़ लेनदेन किए गए, जबकि क्रेडिट कार्ड के जरिए 26.3 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए. आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष के दौरान क्रेडिट कार्ड स्वैप में 20% की वृद्धि हुई है, जबकि डेबिट कार्ड स्वाइप 31% कम हो गए हैं. साल 2022-23 के बीच बैंकों ने लोगों को 2.2 लाख करोड़ रुपए का असुरक्षित लोन भी बांटा है. अनसिक्योर्ड लोन की बढ़ती संख्या के चलते आरबीआई पहले से ही डिफॉल्ट को लेकर चिंतित है.