गोल्ड को गिरवी रखकर लोन लेना भारत में एक प्रचलित तरीका है. चूंकि यह आसानी से मिल जाता है और इसमें ज्यादा दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ती जिसके चलते यह लोगों का पसंदीदा विकल्प हे, लेकिन कई बार देखने को मिलता है कि लोग गोल्ड लोन की किस्त समय से नहीं चुकाते हैं और सोने की कीमत बढ़ने पर वो अपने पुराने लोन को रिन्यू करा लेते हैं. इस पर अब लगाम लगाने के लिए बैंकों ने सख्त रवैया अपनाया है. बैंकों ने अपनी शाखाओं को निर्देश दिया है कि वे गोल्ड लोन की ईएमआई न चुकाने वाले ग्राहकों का लोन दोबारा रिन्यू न करें.
बैंकों ने अपनी शाखाओं को कहा है कि अगर कोई ग्राहक गोल्ड लोन ईएमआई नहीं चुका पाया है तो वे बकाया जमा करें और पुराना लोन बंद कराए. इसके बाद ही नए लोन के लिए अप्लाई करें. बता दें उधारकर्ता अपने सोने को गिरवी रखकर उसके बदले लोन ले सकते हैं. आमौतर पर ग्राहक को गोल्ड लोन सोने की कीमत का 75 फीसद तक मिल जाता है. हालांकि ये सोने की शुद्धता और वजन पर भी निर्भर करता है.
क्यों लोन कराया जाता है रिन्यू?
समय के साथ गोल्ड की कीमत बढ़ती जाती हैं. अगर किसी ने पहले गोल्ड लोन ले रखा है और वह किसी कारणवश ईएमआई नहीं चुका पाता है तो उस पर पेनाल्टी लगती है. ऐसे में भारी जुर्माने और किस्त की चूक से बचने और बढ़ी हुई गोल्ड की कीमत का फायदा उठाने के लिए ज्यादातर ग्राहक लोन रिन्यू कराते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर किसी ने पहले गोल्ड लोन लिया और गहनों की कीमत एक लाख रुपए आंकी गई, वहीं कुछ समय बाद गोल्ड महंगा होने पर उन आभूषणों की कीमत डेढ़ लाख हो गई. ऐसे में ग्राहक लोन रिन्यू कराकर इसे बढ़ावा लेते हैं. जिससे उन्हें बैंक से 50 हजार रुपए और मिल जाएंगे. हालांकि उसकी किस्त बढ़ जाएगी.
किस्त चुकाने के विकल्प
गोल्ड लोन लेने पर इसकी ईएमआई चुकाने के लिए ग्राहक को दो विकल्प मिलते हैं. इसमें एक विकल्प यह है कि वे मासिक आधार पर किस्तों का भुगतान करें यानी हर महीने उन्हें एक तय रकम चुकानी होगी. वहीं दूसरे ऑप्शन के तहत ग्राहकों को बुलेट भुगतान योजना की सुविधा मिलती है. इसमें सोने पर लिए गए कर्ज का ब्याज और मूलधन लोन पीरियड खत्म होने पर एकसाथ चुका सकते हैं.
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