त्योहारी सीजन में कर्ज की ऊंची मांग को देखते हुए बैंकों के बीच जमा राशि जुटाने के लिए होड़ लगी हुई है. त्योहारी सीजन में रिटेल लोन की ऊंची मांग की उम्मीद में बैंक एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ने के लिए हाल ही में चुनिंदा मैच्योरिटी अवधि पर अपनी जमा दरों में 125 आधार अंक तक की बढ़ोतरी की है.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने सप्ताह की शुरुआत में तीन साल तक की विभिन्न अवधियों वाली रिटेल टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरों में 50 आधार अंकों तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है. यूको बैंक ने पिछले सप्ताह 60 वर्ष से कम उम्र के जमाकर्ताओं को लुभाने के लिए 7.05% ब्याज के साथ 400 दिनों के लिए एक स्पेशल एफडी योजना शुरू की थी.
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने भी जमा दरों में बढ़ोतरी की. बैंक के अनुसार ब्याज दरों में तेज वृद्धि व्यक्तियों और व्यवसायों को अधिक बचत करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. बैंक ने 45-90 दिनों की अवधि के लिए दरों को 125 बीपीएस बढ़ाकर 4.75% कर दिया है, जबकि एक वर्ष से अधिक की जमा के लिए यह 25 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई है. एक साल से तीन साल तक की जमा पर 6.25% की दर, जबकि तीन साल से ऊपर की जमा पर 6% की दर लगेगी. वहीं एक साल की जमा दर अब बैंक में सबसे अधिक 6.5% होगी, जो पहले की तुलना में 15 बीपीएस ज्यादा है. बता दें एक बेसिस प्वाइंट 0.01% के बराबर है. भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि पिछले साल मई से पॉलिसी रेपो रेट में जो 250 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई है, उसके अनुसार जमा दरें पूरी तरह अभी बढ़ना बाकी है.
बैंकों में नए जमा पर भारित औसत घरेलू टर्म डिपोजिट रेट में अभी तक 233 बीपीएस की बढ़ोतरी हुई है, जबकि नए ऋण पर भारित औसत ऋण ब्याज दर में 196 बीपीएस की बढ़ोती हुई है. ऐसे में बैंकों के पास अभी जमा और ऋण दोनों की ब्याज दरों में वृद्धि करने की गुंजाइश बची हुई है.