Bank Harassment Complain: केंद्र सरकार ने बैंकों को निर्देश दिया है कि लोन रिकवरी के मामलों में बैंक संवेदनशीलता दिखाएं. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने हिदायत दी है कि बैंक लोन रिकवरी के लिए कड़े कदम न उठाएं. सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में लोन रिकवरी से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए बैंकों को यह निर्देश दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि उन्होंने ऐसी शिकायतें सुनी हैं, जिनमें कुछ बैंकों की तरफ से लोन रिकवरी के लिए दयाहीन तरीके अपनाए गए.
वित्त मंत्री ने दिया जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बैंकों को निर्मम तरीके से रोल की रिकवरी करने को लेकर आगाह किया है. गौरतलब है कि हाल के दिनों में बैंकों की तरफ से लोन के रिकवरी के तौर तरीकों को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं. सदन में इस विषय पर सवाल पूछा गया जिसका जवाब पहले वित्त राज्यमंत्री भागवत कराड दे रहे थे. लेकिन बाद में खुद वित्त मंत्री ने इस सवाल का जवाब दिया.वित्त मंत्री इसी महीने 6 जुलाई 2023 को सरकारी बैंकों के प्रतिनिधियों के साथ बैंकों के कामकाज की समीक्षा बैठक की थी. इस बैठक में वित्त मंत्री ने कस्टमर्स को बैंक की तरफ आकर्षित करने और उनकी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सर्विसेज को सरल बनाने का आग्रह किया था. अब निर्मला सीतारमण ने सदन में भी इस विषय पर बैंकों को निर्देश दिया है.
आरबीआई भी ले चुकी है संज्ञान
इससे पहले भारत की केंद्रीय बैंक ने भी इस विषय पर संज्ञान लिया है. रिजर्व बैंक ने बैंकों के रिकवरी एजेंट्स द्वारा कस्टमर्स को प्रताड़ित करने के बढ़ते मामले को देखते हुए अपना गाइडलाइंस तैयार किया है. आरबीआई ने इस विषय पर सख्ती दिखाते हुए रेग्यूलेटेड इकाईयों से कहा कि उन्हें ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके रिकवरी एजेंट्स कर्ज वसूली के लिए ग्राहकों पर कोई दबाव न बनाएं, न ही उन्हें प्रताड़ित करें.इतना ही नहीं इन एजेंट्स की तरफ से रिकवरी कॉल केवल सुबह 8 से शाम 7 बजे तक की ही की जा सकती है. और रिकवरी एजेट्स फोन या सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों को आपत्तिजनक मैसेज भी नहीं भेज सकते.