अगर आप अपनी उम्र के बीसवें या तीसवें दशक में चल रहे हैं और आपकी नौकरी लगी ही है तो पहली सैलरी हाथ आने का टशन अलग ही होता है. लेकिन, इस टशन को पैसों की टेंशन न बनने दें. पर्सनल फाइनेंस की बेस्टसेलर किताब ‘बात पैसे की’ की लेखिका और वरिष्ठ पत्रकार मोनिका हालन कहती हैं कि पैसों को आपकी जेब में रहना चाहिए न कि आप पैसों की जेब में रहें यानी पैसे को आप कंट्रोल कीजिए न कि पैसा आपको कंट्रोल करे. इसलिए पहली सैलरी से ही कमाई और खर्चे का हिसाब-किताब जरूर रखिए.
पैसों की 9 गलतियां जिनसे आपको बचना है
1. बुढ़ापे की तैयारी न करना
नई नौकरी शुरू करते ही रिटायरमेंट का ख्याल सबसे आखिरी में आता है. लेकिन मोनिका मानती हैं कि पहली सैलरी से ही निवेश की आदत लगाइए और रिटायरमेंट के लिए बचत करना शुरू कीजिए.
2. पैसे ही नहीं बचते, इनवेस्ट कैसे करें?
जरूरी और गैर जरूरी खर्च के बीच फर्क समझिए. अपने खर्च को ध्यान से देखें. समझिए कौन-से खर्च रुक सकते हैं और जब पैसे बचाने की ठान लेंगे तो पैसे बचा पाएंगे.
3. कमाई और खर्चे का हिसाब किताब नहीं रखना
सैलरी, खर्च और बचत के तीन अलग बैंक अकाउंट बनाइए. इन अकाउंट को अलग से नाम देकर कैटेगरी में बांटिए. सैलरी अकाउंट से पैसे को आप दो अकाउंट में ट्रासफर कीजिए.
4. शेयर मार्केट का पीछा करना
बाजार के आधार पर निवेश न करें.हर महीने निवेश करते रहिए. मार्केट को टाइम मत कीजिए.लोग डर और लालच में फंस जाते हैं.
5. सही निवेश चुनिए
जो निवेश समझ में आएं वहां पैसे डालिए. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) समझते हैं तो उसमें निवेश कीजिए लेकिन स्टॉक मार्केट की ग्रोथ का फायदा म्यूचुअल फंड्स में निवेश से मिलेगा. नए निवेशक के लिए इंडेक्स फंड अच्छा विकल्प हैं.
6. ट्रेडिंग करना
स्टॉक बजार की बढ़त जल्दी पैसा कमाने का रास्ता लग सकती है लेकिन नौकरी के साथ- साथ डे-ट्रेडिंग करना मुश्किल है. डे-ट्रेडिंग में नुकसान का भी जोखिम होता है .
7. इंश्योरेंस को इनवेस्टमेंट समझना
एक बेसिक टर्म इंश्योरेंस जरूर खरीदे. लोकिन इंश्योरेंस को इन्वेस्टमेंट समझने की गलती न करें. रिटर्न का वादा करने वाले इंश्योरेंस ने पिछले 10 साल में औसत 3% का रिटर्न दिया है.
8. अच्छे लोन और बुरे लोन का फर्क समझें
बड़े ब्रैंड्स के पीछे केवल दिखावे के लिए मोटा खर्चा न करें. क्रेडिट कार्ड आपकी मंहगी खरीद को आसान तो बनाते हैं लेकिन आपको कर्ज में भी डूबा देते हैं. होम लोन जैसे लोन अच्छे हैं क्योंकि आपकी घर की जरूरत को पूरा करते हैं.
9. इमरजेंसी फंड नहीं बनाना
6 महीने से 2 साल के खर्च के बराबर का इमरजेंसी पैसा जरूर रखें. इमरजेंसी के लिए निश्चिंत रहेंगे तभी लंबे समय के लिए निवेश के फैसले ले पाएंगें और मन मारकर किसी नौकरी से भी बंधे नहीं रहेंगे.