HNI And UHNI: जिस निवेशक को कम रिटर्न पसंद नहीं, वो अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल के ज्यादा जोखिम लेता है और हाई-रिटर्न देने वाले प्रोडक्ट में निवेश करता है.
ऐसे निवेशको को ध्यान में रख कर फाइनेंस टेक्नोलॉजी कंपनियां अनोखे प्रोडक्ट लांच कर रही हैं, जिसकी वजह से पहले केवल हाई नेटवर्थ इंडिविड्युअल (HNI) और अल्ट्रा-हाई नेटवर्थ इंडिविड्युअल (UHNI) को मिलने वाले फायदे अब छोटे इंवेस्टर तक पहुंच रहे हैं.
एक्सपर्ट का मानना है कि, भारत में ऑल्टरनेटिव एसेट्स में निवेश के लिए अपार संभावनाएं हैं और फिनटेक प्लेटफॉर्म इसका फायदा उठाने के लिए छोटे निवेशकों को जरिया बना रहे हैं.
फाइनेंस प्रोडक्ट को लेकर पारदर्शिता भी बढ़ी है, क्योंकि Zerodha, Groww, TradeCred, Wint Wealth, kredx जैसे प्लेटफॉर्म निवेशकों को शिक्षित करने के लिए उनकी वेबसाइट पर वो सारी जानकारी मुहैया करा रहे हैं, जो पहले बड़े निवेशकों को तगड़ी फीस चुकाने के बाद मिलती थी.
HNI और बड़े निवेशकों का इंवेस्टमेंट पोर्टफोलियो भी बड़ा होता है, ठीक वैसे ही स्मॉलकेस को छोटे निवेशकों का पोर्टफोलियो कह सकते हैं.
ये पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (PMS) का छोटा रूप है, जिसे SEBI-ऱजिस्टर्ड प्रॉफेशनल्स द्वारा तैयार किया जाता है. इसमें किसी आइडिया, स्ट्रैटेजी, थीम या सेक्टर आधारित 12-15 स्टॉक्स/ETFs एकसाथ इकट्ठा किए गए होते हैं.
स्माल केस इक्विटी निवेश का प्लेटफार्म है, जोकि ख़ास तौर पर पोर्टफोलियो आधारित निवेश को ध्यान में रखकर बनाया गया है. एक स्मॉलकेस 11,000 से लेकर 50,000 रुपये तक का हो सकता है.
सेबी-रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एड्वाइजर और निजी बैंक के EXIM विभाग के हेड की जिम्मेदारी निभा चुके धर्मेश कुमार भट्ट बताते हैं कि, “बिल डिस्काउंटिंग वैसे तो बैंक और NBFC के निवेश का प्रोडक्ट है.
इसमें क्विक कैश चुकाना होता है, इसलिए बड़े वित्तीय संस्थान और मुख्य रूप से NBFC ही इसमें काम कर सकते हैं.” लेकिन, Tradecred जैसे फिनटेक प्लेटफॉर्म इस प्रोडक्ट को छोटे निवेशकों तक ले आए हैं.
इसमें 90 दिन जितनी छोटी अवधि के लिए बड़ी कंपनियों के वेंडर को फाइनेंस करना होता है, जिसके बदले में आपको 13-15 फीसदी तक प्री-टैक्स यील्ड मिलती है.
अभी जो प्रोडक्ट उपलब्ध है उनके टिकिट साइज 50,000 रुपये से शुरू होते हैं. इंवेस्टमेंट साइज छोटा होने के कारण कोई भी व्यक्ति, HUFया NRI निवेश कर सकता है.
रिटेल इंवेस्टर डेट में इंवेस्टमेंट करके उनका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाय रख सके इस इरादे से शुरू हुई विंट वेल्थ 10,000 रुपये जितने कम टिकिट साइज के डेट प्रोडक्ट के साथ रिटेल निवेशकों को खींचने का प्रयास कर रही है.
विंट वैल्थ ने कवर्ड बॉन्ड लांच किए हैं, जिसमें पहले बैंक या वित्तीय संस्थान ही निवेश करते थे. सिक्योर्ड बॉन्ड की सिक्योरिटी सवालो के घेरे मे है, ऐसे हालात में कवर्ड बॉन्ड को बेहतरीन प्रोडक्ट माना जा रहा है.
क्योंकि इसमें निवेशको को दिवालियापन से बचाने का इंतजाम किया गया है. कवर्ड बॉन्ड का वॉल्यूम FY2020 में 400 करोड़ रुपये था, जो FY2021 में 2,200 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
विंट वेल्थ ने रिटेल इंवेस्टर के लिए लॉन्च किए प्रोडक्ट की अवधि 18 महीने की है, जिसमें 9-11% प्री-टैक्स रिटर्न मिल रहा है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि जिस एसेट या प्रोडक्ट में निवेश करना चाहते हैं, उसका रेटिंग चेक करना चाहिए. आपकी रिस्क-कैपेसिटी के अनुसार निवेश का निर्णय लेना चाहिए.
इंवेस्टर प्वाइंट (Investor Point) के फाउंडर और AMFI-रजिस्टर्ड म्यूच्युअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर जयदेव सिंह के मुताबिक, “सरल और समझ में आने वाले प्रोडक्ट में ही निवेश करना चाहिए.
प्रोडक्ट जितने जटिल होंगे उतना ही उसका एक्स्पेंस ज्यादा होगा. फिनटेक प्लेटफॉर्म के जरिए निवेश करने से पहले ऐसे प्लेटफोर्म के साथ जुड़ी ब्रान्ड की विश्वसनीयता चेक करनी चाहिए.
ऐसे प्लेटफॉर्म की साख कैसी है और उसके फाउंडर या प्रमोटर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है, वो जान लेना चाहिए. ”
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