कमाई की पिच अगर क्रिकेट जैसी ही रोमांचक हो तो इससे कोई क्यों कतराए. क्रिकेट में जीत पूरी टीम पर निर्भर करती है. सिर्फ बैटिंग के भरोसे रहे तो गेंदबाजी के वक्त स्कोर बचाने में पसीने छूट जाएंगे. फील्ड पर विपक्षी टीम की धुआंदार बैटिंग के नंबर बढ़ने से बचाने हैं तो आपको अच्छी फील्डिंग की भी जरूरत है. जिस तरह टीम में बस बल्लेबाज नहीं हो सकते ठीक उसी तरह आप अपनी टीम में सिर्फ गेंदबाज नहीं रख सकते. बैलेंस जरूरी है. टीम में ऑलराउंडर चाहिए तो स्पिनर और फास्ट बॉलर भी, विकेट कीपर भी. बस यही है फाइनेंशियल पोर्टफोलियो (Financial Planning) बनाने का भी मंत्र – बैलेंस यानी संतुलन.
सबसे पहले तो समझें कि आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग में विपक्षी टीम कौन है?
ये वो हैं जो आपका प्लान बिगाड़ सकते हैं. बढ़ती महंगाई हो या कोरोना जैसा कोई ब्लैक स्वान इवेंट, या फिर कोई मेडिकल इमरजेंसी और दिक्कतें जिनसे आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) को चोट पहुंच सकती है. महंगाई बढ़ी, यानी विपक्षी टीम का स्कोर बढ़ा तो आपकी टीम को उससे ज्यादा रन बनाने के लिए और मेहनत करनी होगी. मेडिकल इमरजेंसी होने पर आपके विकेट धड़ाधड़ ना गिरते जाएं, इसके लिए बी जरूरी है कि आपने अपने पोर्टफोलियो में ऐसा प्लेयर चुना हो जो टिका रहे.
युवा जब कमाई शुरू करते हैं तो ये पावर प्ले जैसा है. आपपर इस वक्त जिम्मेदारियां आम तौर पर कम रहती हैं, निवेश को लंबा वक्त दे पाने के लिए उम्र आपके पक्ष में रहती है और रिस्क क्षमता भी जिंदगी के आगे के पड़ाव के मुकाबले ज्यादा रहती है. सीधा मतलब ये कि यही समय है जब आपको कमाई के लिए दांव लगाने शुरू कर देने चाहिए. शुरुआत से ही प्लानिंग (Financial Planning) करेंगे तो आखिरी ओवर्स में दबाव भी कम रहेगा. या यूं कहें कि पुख्ता प्लानिंग होने पर ओवर खत्म होने से पहले भी आप जीत हासिल कर सकते हैं – 60 से पहले भी रिटायरमेंट के ठाठ ले सकते हैं.
जो पावर प्ले टीम बीच में ले सकती है उसे अपने नौकरी से मिलने वाले बोनस के तौर पर देखें. इस बोनस का सही इन्वेस्टमेंट आपको जीत के और करीब पहुंचाएगा.
Financial Planning: आपके फाइनेंशियल पोर्टफोलियो में इक्विटी जैसे बेहतरीन रिटर्न देने वाले विकल्प होने चाहिए तो वहीं डेट विकल्प और गोल्ड जैसे बॉलर जो समय आने पर आपका रिस्क कम करें और रन बचाएं. डेट विकल्पों में जोखिम कम होता है. आपके पोर्टफोलियो में फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे सुरक्षित निवेश की भी जरूरत है जिनके फेल होने की आशंका ना हो. इंश्योरेंस जैसे फील्डर जो किसी भी मेडिकल रिस्क में आपकी सुरक्षा करें.
इमरजेंसी फंड को अपना ट्वेल्थ मैन मानें. किसी भी प्लेयर के घायल होने या किसी भी इमरजेंसी के वक्त यही काम आएगा.
शॉर्ट, मीडयम और लॉन्ग टर्म प्लानिंग को ऐसे समझें जैसे टी20, वन डे और टेस्ट मैच. ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के पंकज मठपाल का कहना है कि लंबी अवधि के लिए आप अपनी टीम में 80 फीसदी निवेश इक्विटी में कर सकते हैं और 20 फीसदी निवेश डेट विकल्पों में. इक्विटी में भी लार्ज और मिडकैप में एक्सपोजर हो. वहीं मध्यम अवधि के लिए 50 फीसदी डेट और 50 फीसदी निवेश इक्विटी में कर सकते हैं. वहीं छोटी अवधि के लिए आप 20-30 फीसदी निवेश ही इक्विटी में रखें और बाकी डेट विकल्पों में डालें.
जिंदगी में कमाई के फ्री-हिट कम ही मिलते हैं लेकिन हम सिर्फ इनके इंतजार में नहीं रह सकते. तो ड्रीम 11 पर अगर टीम बनाने से फुर्सत मिले तो अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो की टीम भी तैयार करें और देखें कि कैसे ये टीम आपके लिए लगाएगी कमाई के चौके और छक्के.
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