वो गलतियां जिनसे अटक सकता है आपका इंश्योरेंस क्लेम

इंश्योरेंस प्लान में आपको तभी कवर मिलता है जब इसे सही तरीके से फाइल किया जाए और इसमें सभी तथ्यों और रिकॉर्ड्स को बिलकुल दुरुस्त रखा जाए.


 

Money9 Helpline (मनी9 हेल्पलाइन) में हम लगातार इंश्योरेंस की अहमियत बारे में आम लोगों को जागरूक करते रहते हैं. कोविड-19 की दूसरी लहर से मची तबाही के बीच ज्यादा से ज्यादा लोग अब इंश्योरेंस प्लान खरीद रहे हैं.

हालांकि, इंश्योरेंस क्लेम फाइल करने में होने वाली कोई भी गलती आप पर भारी पड़ सकती है और बीमा कंपनी इसे खारिज कर सकती है.

इंश्योरेंस प्लान में आपको तभी अधिकतम कवर मिलता है जब इसे सही तरीके से फाइल किया जाए और इसमें सभी तथ्यों और रिकॉर्ड्स को बिलकुल दुरुस्त रखा जाए.

इससे आपका क्लेम आसानी से पास हो जाता है और परिवार को ज्यादा दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है.

मनी9 हेल्पलाइन ने इसी मसले पर MyWealthGrowth.com के को-फाउंडर हर्षद चेतनवाला से खास बातचीत की है. इसमें लोगों के इंश्योरेंस खरीदने के दौरान की जाने वाली गलतियों को समझने में मदद की गई है.

यहां हम इस मसले से जुड़े कुछ अहम सवालों का जवाब दे रहे हैंः

टर्म प्लान लेते वक्त किन चीजों को दिमाग में रखना चाहिए ताकि क्लेम दाखिल करते वक्त ये खारिज न हो?

अभिषेक मल्ल

इंश्योरेंस प्लान खरीदते वक्त आपको अपने सभी मेडिकल रिकॉर्ड सही-सही दर्ज करने चाहिए. आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री इसमें जरूर बतानी चाहिए. ये रिकॉर्ड चाहे 5-10 साल पुराने हों तो भी इन्हें बताना चाहिए. कोई भी मामूली सर्जरी इसमें बताई जानी चाहिए. आपको सभी तथ्य सही-सही बताने चाहिए ताकि आपके परिवार को क्लेम लेने में कोई दिक्कत न हो.

इंश्योरेंस खरीदते वक्त आपको मेडिकल हिस्ट्री में क्या-क्या खुलासे करने चाहिए? क्या कंपनियां मेडिकल रिकॉर्ड्स मांगती हैं?

रेशमा भाटिया

आपको हमेशा अपने मेडिकल रिकॉर्ड्स की एक फाइल कायम रखनी चाहिए. हेल्थ इंश्योरेंस की बात की जाए तो इसमें कोई मसला नहीं है क्योंकि आप समस्या को सुलझाने के लिए मौजूद होते हैं. लेकिन, टर्म इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के संबंध में आपके लिए ये जरूरी है ताकि आपके परिवार को आसानी से क्लेम मिल पाए. साथ ही शुरुआती स्टेज पर ही जब आप इंश्योरेंस फॉर्म भर रहे हों तभी आपको अपनी पूरी मेडिकल हिस्ट्री बता देनी चाहिए.

मेरे पिता को किडनी की बीमारी है और उनकी डायलिसिस होती है. पिछले हॉस्पिटलाइजेशन के वक्त बीमा कंपनी ने कैशलेस ट्रीटमेंट को खारिज कर दिया और कहा कि उनकी बीमारी जेनेटिक है. हमें क्या करना चाहिए?

सुमना पॉल

ऐसा मुमकिन है कि कुछ कंपनियों की उनके नेटवर्क में कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा न हो. अगर कंपनी आपके कैश लेनदेन पर भी क्लेम को खारिज करती है तो आपको बीमा कंपनी या इरडा के यहां इस मामले में शिकायत करनी चाहिए.

Published - June 15, 2021, 12:18 IST