नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) चैनल पर 50 रुपये से कम के सभी गेमिंग ट्रांजैक्शन पर स्थायी रूप से बैन लगा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, नया नियम इस सप्ताह के अंत में लागू हो सकता है. ये कदम UPI पर ट्रांजैक्शन की मात्रा को कम करने के लिए उठाया गया है क्योंकि हाल ही में ट्रांजैक्शन की संख्या में उछाल आया है.
इसकी बड़ी वजह कोरोना महामारी के मद्देनजर डिजिटल ट्रांजैक्शन में वृद्धि, बैंकिंग रुकावट और तकनीकी मुद्दों में वृद्धि होना है. सूत्रों के मुताबिक, NPCI ने हाल के सप्ताहों में गेमिंग मर्चेंट्स के लो-टिकट ट्रांजैक्शन में भारी वृद्धि देखी है. आईपीएल मैचों के दौरान ये लेनदेन और भी अधिक बढ़ गया है, जिससे NPCI और सदस्य बैंकों को चिंता हुई कि लेनदेन की मात्रा बढ़ जाने से सिस्टम आउटेज की समस्या आ सकती है.
गेमिंग के लिए हो रहे छोटे ट्रांजैक्शंस एक सोर्स के अनुसार NPCI चाहता है कि ग्राहक और व्यापारी UPI की बजाय नेट बैंकिंग जैसे पेमेंट मेथड का उपयोग करें. मासिक सब्सक्रिप्शन का पेमेंट करने की बजाय, गेम खेलने वाले गेम्स खेलते वक्त ही पेमेंट करते हैं. इसका मतलब यह है कि अधिकांश ट्रांजैक्शन 100 रुपये से कम के होते हैं.
भविष्य में कम होगा UPI का इस्तेमाल गेमिंग इंडस्ट्री के विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में यूपीआई का उपयोग कम किया जाएगा. गेमिंग इंडस्ट्री की रिपोर्टों के अनुसार, NPCI कई हफ्तों से इस तरह के प्रतिबंध पर विचार कर रहा था और प्रमुख व्यापारियों के साथ निकट संपर्क में था. दूसरी ओर गेमिंग इंडस्ट्री की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसे ट्रांजैक्शन पर प्रतिबंध लगाने के लिए NPCI का कदम बैंकिंग इंडस्ट्री के तनाव से प्रभावित है, क्योंकि बैंकों के पास मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) के बिना अतिरिक्त भार वहन करने का कोई कारण नहीं है.
गेमिंग के लिए बहुत बड़ा खटका एक सोर्स ने बताया कि बैंकों और NPCI के बीच सभी बड़े ट्रांजैक्शन पर अंकुश लगाने के लिए बातचीत हुई है, क्योंकि अब यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं लगता है. वहीं गेमिंग इंडस्ट्री के एक सोर्स ने कहा, “UPI हमारे आधे से अधिक ग्राहकों के लिए पेमेंट का पसंदीदा तरीका है. हमारे 50% से अधिक – हमारे ट्रांजैक्शन 50 रुपये से कम के हैं. यह इंडस्ट्री के लिए बहुत बड़ा झटका है.”
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