कई कंपनियां ग्राहकों को टीवी, फ्रिज, AC, मोबाइल, ओवन, वैक्यूम क्लीनर जैसी कंज्यूमर इलैक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स डेबिट कार्ड EMI पर खरीदने का मौका दे रही हैं. इन प्रोडक्ट्स पर 10-20 फीसदी डिस्काउंट भी मिल रहा है.
मान लीजिए, आपके अकाउंट में 25,000 रुपये हैं, आपको शॉपिंग के लिए 33,000 रुपये की जरूरत है और आपके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है, तो डेबिट कार्ड EMI फैसिलिटी आपके काम आ सकती है, लेकिन इस विकल्प के साथ शॉपिंग करने से पहले आपको चार्जेज और अन्य खर्चों को समझ लेना चाहिए.
न्यूनतम ट्रांजैक्शन
SBI की डेबिट कार्ड EMI फैसिलिटी के लिए आपको मिनिमम 8,000 रुपये का ट्रांजैक्शन करना जरूरी है. निजी बैंक 5,000 रुपये से 5,00,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शंस के लिए डेबिट कार्ड EMI फैसिलिटी ऑफर करते हैं. आप 6, 9, 12 या 18 महीने के लिए लोन ले सकते हैं. SBI कैलेंडर क्वार्टर में एक ट्रांजैक्शन पर ही ये फैसिलिटी ऑफर कर रहा है, यानी कि आप तिमाही खत्म होने से पहले दूसरा लोन नहीं ले सकेंगे. बैंक की वेबसाइट पर मोबाईल नंबर और अकाउंट नंबर जैसी डिटेल देने से पता चल सकता है कि आप डेबिट कार्ड EMI फैसिलिटी के लायक हैं या नहीं.
प्रोसेसिंग फीस
SBI सिर्फ दो रुपये प्रोसेसिंग फीस चार्ज करता है. वहीं, HDFC बैंक, ICICI बैंक जैसे निजी बैंक 99 रुपये से 199 रुपये तक की फीस वसूलते हैं.
इंटरेस्ट रेट
SBI 2 Yr MCLR + 7.50% रेट ऑफ इंटरेस्ट चार्ज करता है, यानी आपका इफेक्टिव इंटरेस्ट रेट 14.70% होता है. HDFC बैंक, ICICI बैंक और एक्सिस बैंक का ये रेट 16% है.
मान लीजिए, ई-कॉमर्स साइट पर कोई प्रोडक्ट 32,999 रुपये में मिल रहा है और आप डेबिट कार्ड EMI के जरिए 6 महीने की अवधि चुनते हैं तो 16% रेट के हिसाब से 34,554 (5,759×6) रुपये चुकाने पड़ेंगे.
9 महीने की अवधि के लिए 35,235 रुपये (3,915×9) और 12 महीनों के लिए 35,928 (2,994×12) रुपये चुकाने होंगे.
पीनल रेट
आप अमाउंट का भुगतान करने में अनियमित रहेंगे तो हर महीने 2% पीनल इंटरेस्ट प्लस 18% GST चार्ज किया जाएगा. अकाउंट में अपर्याप्त बैलेंस के कारण EMI का भुगतान न होने पर बकाया राशि पर पीनल इंटरेस्ट लगता है.
प्री-पेमेंट चार्ज
आप अवधि से पहले EMI का फुल या पार्ट प्री-पेमेंट करना चाहें और अकाउंट बंद करना चाहें तो आपको प्रीपेड अमाउंट का 3 फीसदी प्री-पेमेंट चार्ज देना पड़ेगा.
डिफॉल्ट चार्ज
डिफॉल्ट होने के केस में आपको 3.5% इंटरेस्ट रेट देना पड़ेगा, जो साल के हिसाब से 42% होता है. क्रेडिट कार्ड में भी डिफॉल्ट होने पर सालाना 40-50% तक चार्ज वसूला जाता है.
एक्सपर्ट की राय
यदि आपको किसी प्रोडक्ट की बेहद जरूरत है और वो अच्छे डिस्काउंट में मिल रहा है तो ये विकल्प पसंद कर सकते हैं. आदित्य देवड़ा & कंपनी के प्रोप्रराइटर CA आदित्य देवड़ा बताते हैं, “यदि जीरो कॉस्ट EMI विकल्प हो तो उसे ही पसंद करें. यदि आपको इंटरेस्ट रेट सही लग रहा है और आप किस्त चुकाने में डिसिप्लिन रख सकते हैं तो ही EMI पर शॉपिंग करें, वर्ना डिफॉल्ट होने पर लेट फीस के साथ भारी पेनल्टी चार्ज चुकाने पड़ेंगे.”
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