COVID-19 Vaccines Patent Waiver: महीनों की चर्चा के बाद वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ने बुधवार को कोविड-19 वैक्सीन पर पेटेंट हटाने या लाइसेंसिंग डील की अनिवार्यता हटाने की ओर कदम बढ़ाए हैं. इस पेटेंट वेवर से विश्वभर में कोविड-19 के इलाज की दवाओं और वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा.
ग्लोबल ट्रेड संस्थान WTO में ये मामला काफी लंबे समय से चला आ रहा है क्योंकि किसी भी फैसले पर पहुंचने के लिए सभी 164 देशों के बीच सहमति जरूरी है.
बुधवार को हुई बैठक में आखिरकार सभी देश इसपर एकमत होते नजर आए जिससे इस एग्रीमेंट के लिए मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी.
अक्टूबर से WTO में ये मांग रही है कि ऐसे जरूरी सामान से IPR में ढील दी जाए ताकि कोविड-19 की लड़ाई में वैक्सीन, डायग्नोस्टिक इक्विपमेंट और जरूरी मेडिकल सामान का उत्पादन बढ़ाया जा सके. भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने इस मांग की अगुवाई की है.
मांग के पीछे कारण ये है कि इस छूट से वैक्सीन सभी देशों को आसानी से मिल सकेगी. लेकिन, इस मांग पर दिग्गज फार्मा कंपनियों और उनके देशों की ओर से विरोध देखने को मिला है. इन कंपनियों का कहना है कि प्रोडक्शन बढ़ाने में पेटेंट अड़चन नहीं हैं और इससे भविष्य में इनोवेशन पर असर पड़ सकता है.
हालांकि, पिछले महीने इस विरोध में सुस्ती आई जब अमेरिका ने कोविड-19 रोधी वैक्सीन (COVID-19 Vaccines) के लिए ग्लोबल पेटेंट वेवर का समर्थन किया और इसपर चर्चा के लिए तैयार हुए.
लेकिन, स्विजरलैंड जैसे देश अब भी फार्मा कंपनियों के लाइसेंस डील के पक्ष में हैं जैसे एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ किया है. वहीं, यूरोपीय कमिशन ने पिछले शुक्रवार को WTO के विरोध में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें पेटेंट को रद्द करने के बजाय लाइसेंसिंग डील के लिए देशों से एक्सपोर्ट से जुड़े प्रतिबंध हटाने की मांग की गई है.