COVID-19 Vaccination: कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के कारण टीकाकरण के लिए उम्र सीमा में ढील देने को लेकर विभिन्न हलकों से की जा रही मांग के बीच केंद्र ने मंगलवार को कहा कि लक्ष्य सबसे जोखिम वाले लोगों को सुरक्षित करना है. साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कई लोग पूछ रहे हैं कि सरकार 18 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए टीकाकरण क्यों नहीं खोल रही है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में भी चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण अभियान चलाया गया है.
भूषण ने कहा, ‘‘बुनियादी लक्ष्य टीकाकरण के जरिए मृत्यु को घटाना है. दूसरा लक्ष्य हमारे स्वास्थ्य तंत्र की सुरक्षा करना है. अगर स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर, नर्स, पारामेडिकल कर्मी और अन्य कर्मी बीमार हो गए तो अस्पतालों में कौन काम करेगा ? इसलिए किसी भी देश में सबसे मुख्य लक्ष्य सबसे जोखिम वालों को सुरक्षित करना है. टीका जो लेना चाहते हैं उनके टीकाकरण का नहीं, बल्कि जिन्हें ज्यादा जरूरत है उन्हें टीका देने का लक्ष्य है.’’
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने कहा कि विमर्श को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि टीका पर अनुसंधान से अब तक यह साबित नहीं हुआ है कि अगर इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण (Vaccination) हो तो ‘हर्ड इम्युनिटी’ विकसित हो जाएगी. पॉल ने कहा कि अब तक यह प्रमाणित नहीं हुआ है.
पॉल ने कहा कि प्राथमिकता समूह में फैसला किया गया कि मृत्यु के लिहाज से किन्हें ज्यादा जोखिम है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए कि इतिहास केवल इतना याद रखेगा कि कितनी मौतें हुई.’’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया कि 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को टीका लेने की अनुमति देनी चाहिए.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी टीकाकरण (Vaccination) के लिए उम्र सीमा में ढील देने का अनुरोध किया है.
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