Vaccine Patent Waiver: अमेरिका में जो बाइडन प्रशासन ने कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति बढ़ाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देने के भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन को दिए प्रस्ताव के समर्थन की घोषणा की है.
अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताइ ने बुधवार को कहा कि यह वैश्विक स्वास्थ्य संकट है और कोविड-19 महामारी की असाधारण परिस्थितियों में असाधारण कदम उठाने की आवश्यकता है.
Vaccine Patent Waiver: ताइ ने कहा, ‘‘बाइडन प्रशासन बौद्धिक संपदा संरक्षण का कड़ा समर्थन करता है लेकिन इस महामारी के दौर में वह कोविड-19 टीकों के लिए उन अधिकारों में छूट देने का समर्थन करता है.’’
बाइडन प्रशासन के फैसले से डब्ल्यूटीओ की महापरिषद को इस प्रस्ताव को पारित करने में आसानी होगी.
डब्ल्यूटीओ की महापरिषद की बैठक इस समय जिनेवा में चल रही है.
ताइ ने कहा, ‘‘हम इसे संभव करने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बातचीत में सक्रियता से भाग लेंगे। संस्थान की सहमति पर आधारित प्रक्रिया को देखते हुए बातचीत में वक्त लगेगा.’’
These extraordinary times and circumstances of call for extraordinary measures.
The US supports the waiver of IP protections on COVID-19 vaccines to help end the pandemic and we’ll actively participate in @WTO negotiations to make that happen. pic.twitter.com/96ERlboZS8
— Ambassador Katherine Tai (@AmbassadorTai) May 5, 2021
पिछले एक महीने में ताइ ने अमेरिका में और उसके बाहर विभिन्न पक्षकारों से व्यापक बातचीत की. व्हाइट हाउस ने इसे नीतिगत प्रक्रिया बताया.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन का उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए जहां तक संभव हो सुरक्षित और प्रभावी टीके पहुंचाना है. चूंकि अमेरिकी लोगों के लिए टीकों की हमारी आपूर्ति सुरक्षित है तो प्रशासन टीके के निर्माण और वितरण को बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को तेज करेगा. वह इन टीकों को बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल को बढ़ाने भी काम करेगा.’’
बाइडन प्रशासन ने प्रमुख दवा कंपनियों और यूएस चैम्बर ऑफ कॉमर्स के कड़े विरोध के बावजूद यह अहम फैसला लिया है.
भारत ने बौद्धिक संपदा अधिकार के व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) के कुछ नियमों में अस्थायी छूट देने के उसके और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव का समर्थन करने के बाइडन प्रशासन के फैसले की प्रशंसा की है.
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने बुधवार को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘हम कोविड-19 टीकों के लिए आईपीआर में छूट का उसका समर्थन करने की अमेरिकी प्रशासन की घोषणा की तारीफ करते हैं.’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम आभार जताते हैं कि बड़ी संख्या में अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस सदस्य इसके समर्थन में आए. हम इस अहम दौर में वैश्विक जन स्वास्थ्य के लिए किफायती टीकों के समान वितरण समेत अन्य कदमों के जरिए इस वैश्विक महामारी से मिलकर लड़ने के लिए अमेरिका में सभी पक्षकारों के साथ काम करते रहेंगे.
संधू कांग्रेस के सदस्यों से लगातार बातचीत कर रहे थे और उन्होंने सांसदों तथा दवा कंपनियों के साथ लगभग हर बैठक में यह मुद्दा उठाया.
भारत के इन प्रयासों में दक्षिण अफ्रीका और केन्या के दूतावासों के राजनयिक भी शामिल हो गए.
अमेरिकी सांसदों ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव का समर्थन करने के बाइडन प्रशासन के फैसले को कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने बुधवार को कहा, ‘‘बाइडन प्रशासन की डब्ल्यूटीओ में टीकों के लिए ट्रिप्स में छूट के लिए काम करने की घोषणा इस विषाणु को वैश्विक स्तर पर खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.’’
उल्ललेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 संक्रमण के इलाज, उसकी रोकथाम के संदर्भ में प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के लिये ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने का प्रस्ताव किया.
व्यापार संबंधित पहलुओं पर बौद्धिक संपदा अधिकार (ट्रिप्स) जनवरी 1995 में अमल में आया. यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट और अघोषित सूचना या व्यापार गोपनीयता जैसे बौद्धिक संपदा पर बहुपक्षीय समझौता है.
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