भारत में कोविड-19 के बिगड़ते हालात के बीच मदद के लिए दुनिया की बड़ी कंपनियों में अहम जिम्मेदारी निभा रहे लोग सामने आ रहे हैं. अब तीन भारतीय मूल के अमरीकी CEO सुंदर पिचाई, पुनीत रंजन और शांतनु नारायण भी इस जंग में जुड़ गए हैं.
टास्क फोर्स से जुड़े दिग्गज भारतीय-अमरीकी CEO
इन तीनों भारतीयों ने ग्लोबल टास्क फोर्स ऑन पैंडेमिक रेस्पॉन्स की स्टीयरिंग कमेटी को ज्वॉइन किया है. ये टास्क फोर्स भारत की कोविड के खिलाफ जंग में मदद के लिए कॉरपोरेट सेक्टर की मुहिम की देखरेख करता है.
गौरतलब है कि सुंदर पिचाई गूगल के CEO हैं, जबकि पुनीत रंजन डेलॉयट और शांतनु नारायण एडोबी के CEO हैं.
इन भारतीय-अमरीकी CEO को स्टीरियरिंग कमेटी में गुरुवार को जोड़ा गया है.
ये तीनों CEO भारत में कोविड-19 संकट से निपटने में अमरीकी कंपनियों को साथ लाने में एक्टिव रहे हैं.
US चैंबर ऑफ कॉमर्स ने गठित किया है टास्क फोर्स
इस लिस्ट में गुरुवार को कई अन्य CEO को भी जोड़ा गया है. इनमें बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के CEO मार्क सुजमैन, बिजनेस राउंडटेबल के प्रेसिडेंट और CEO जोशुआ बोल्टन और US चैंबर ऑफ कॉमर्स की प्रेसिडेंट और CEO सुजैन क्लार्क शामिल हैं.
ये टास्क फोर्स एक नया पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप है जिसे US चैंबर ऑफ कॉमर्स ने गठित किया है.
ये टास्क फोर्स चैंबर की US-इंडिया बिजनेस काउंसिल और US-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि भारत में कोविड-19 के गंभीर हालात पर काबू किया जा सके.
25,000 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स देंगी कंपनियां
अमरीकी कंपनियों ने अभी तक भारत में 25,000 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स देने की प्रतिबद्धता जताई है.
पहले 1,000 ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर्स भारत में 25 अप्रैल को आ चुके हैं. ये कॉन्सनट्रेटर्स डेलॉयट ने मुहैया कराए हैं. इनके लिए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट फेडएक्स ने मुहैया कराया है.
टास्क फोर्स ने कहा है कि कॉन्सनट्रेटर्स को तत्काल इस्तेमाल के लिए हेल्थकेयर फैसिलिटीज में भेजा जाएगा.
3 जून तक आएंगे 1,000 वेंटीलेटर्स
वेंटीलेटर्स का पहला शिपमेंट भारत में इस हफ्ते की शुरुआत में आ जाएगा. सभी 1,000 वेंटीलेटर्स भारत में 3 जून तक पहुंच जाने की उम्मीद है.
मेडट्रोनिक इस मुहिम के लिए एंड-टू-एंड सपोर्ट मुहैया कराएगी.
अभी तक करीब 16 कंपनियां टास्क फोर्स की वेंटीलेटर्स मुहिम से जुड़ चुकी हैं.
3 करोड़ डॉलर का सपोर्ट
ये कंपनियां मिलकर भारत के हेल्थकेयर रेस्पॉन्स को 3 करोड़ डॉलर का सपोर्ट मुहैया कराएंगी.
टास्क फोर्स के मुताबिक, हालांकि, भारत में हर रोज 4 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं लेकिन भारत में इनकी वास्तविक संख्या कहीं ज्यादा होने की आशंका है.
एक्सपर्ट्स को आशंका है कि ये संकट और बिगड़ने वाला है और भारत में इसका पीक मई मध्य तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है.
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