भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव को तेजी मिलने की उम्मीद है. नीति आयोग सदस्य वी के पॉल ने जानकारी दी है कि देश मे स्पुतनिक वैक्सीन (Sputnik-V) का पहला बैच आ चुका है और अगले हफ्ते से उपबल्ध हो जाएंगी.
उन्होंने कहा है कि रूस से आगे भी और वैक्सीन डोज आने वाली हैं.
वी के पॉल ने कहा है, “मुझे बताते हुए खुशी है कि हमें उम्मीद है कि ये वैक्सीन अगले हफ्ते से बाजार में उपबल्ध होगी. हमें उम्मीद है कि रूस से आए सीमित सप्लाई की बिक्री अगले हफ्ते से शुरू होगी.”
उन्होंने जानकारी दी है कि भारत में स्पुतनिक-V (Sputnik-V) का प्रोडक्शन जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भारत में स्पुतनिक-V की 15.6 करोड़ वैक्सीन डोज बनाए जाने की उम्मीद है. भारत में डॉ रेड्डीज लैब और कुछ और कंपनियां इसका उत्पादन करेंगी.
DCGI ने रूस और भारत में हुए फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है. आबादी के हिसाब से भारत इस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला सबसे बड़ा देश है. साथ ही इसके प्रोडक्शन में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है.
क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के मुताबिक वैक्सीन 91.6 फीसदी मामलों में सफल रही है. लैंसट मेडिकल जर्नल के मुताबिक वैक्सीन कोरोना के गंभीर मामलों से पूरी तरह सुरक्षा दिलाती है. RDIF के मुताबिक स्पुतनिक V का कोई साइड-इफेक्ट या एलर्जी जैसा असर नहीं है और वैक्सीन ज्यादा लंबे समय के लिए इम्यूनिटी देती है.
स्पुतनिक V (Sputnik-V) को 2 से 8 डिग्री सेलशियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है. मतलब ये कि इसके स्टोरेज के लिए किसी खास लॉजिस्टिक्स की जरूरत नहीं पड़ेगी – पहले से ही इस्तेमाल हो रहे आम रेफ्रिजरेटर काम में लाए जा सकते हैं, किसी नए कोल्ड-चेन इंफ्रा को डेवलप करने की जरूरत नहीं होगी.
इस वैक्सीन की कीमत 10 डॉलर प्रति डोज पड़ती है.
COVID-19 Vaccine: कोविड-19 रोधी वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा है कि अगस्त और दिसंबर के बीच भारत में 200 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध हो जाएंगे. केंद्र का कहना है कि भारत की आबादी का टिकाकरण के लिए ये पर्याप्त होंगे.
नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने जानकारी देते हुए कहा है कि भार में अगले 5 महीनों के बीच 216 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध कराई जाएंगी. उन्होंने आगे कहा कि अगले साल की पहली तिमाही में ये 300 वैक्सीन डोज हो सकती हैं.
उन्होंने अनुमान लगाया है कि अगस्त-दिसंबर के बीच कोविशील्ड का उत्पादन 75 करोड़ हो जाएगा और कोवैक्सीन की 55 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी.
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