डॉ रेड्डीज लैब ने शुक्रवार को बताया कि एक सीमित पायलट प्रोजेक्ट के अंतरगत कोविड-19 रोधी वैक्सीन स्पुतनिक-V (Sputnik-V) लगाने की शुरुआत की है. कंपनी ने जानकारी दी है कि रूस की इस वैक्सीन का पहला डोज हैदराबाद में लगाया गया है.
रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड की डेवलप की वैक्सीन स्पुतनिक-V का पहला कंसाइन्मेंट 1 मई को भारत में आया था. इसे सेंट्रल ड्रग्स लैब से 13 मई को रेगुलेटरी क्लियरेंस हासिल हो गई है.
डॉ रेड्डीज इस वैक्सीन का भारत में उत्पादन करेगा. उन्होंने जानकारी दी है कि जल्द ही और वैक्सीन डोज आयात किये जाएंगे और जल्द ही वे भी भारत में उत्पादन कर स्पुतनिक-V (Sputnik-V) की सप्लाई शुरू करेंगे.
आयात की गई इन स्पुतनिक-V डोज की अधिकतम कीमत 948 रुपये तय की गई है. हर डोज पर 5 फीसदी का GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) भी है. कंपनी ने कहा है कि स्थानीय सप्लाई बढ़ने से कीमतें घटने की उम्मीद है.
कल ही नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने कहा है, “मुझे बताते हुए खुशी है कि हमें उम्मीद है कि ये वैक्सीन अगले हफ्ते से बाजार में उपबल्ध होगी. हमें उम्मीद है कि रूस से आए सीमित सप्लाई की बिक्री अगले हफ्ते से शुरू होगी.”
उन्होंने जानकारी दी है कि भारत में स्पुतनिक-V (Sputnik-V) का प्रोडक्शन जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि भारत में स्पुतनिक-V की 15.6 करोड़ वैक्सीन डोज बनाए जाने की उम्मीद है. भारत में डॉ रेड्डीज लैब और कुछ और कंपनियां इसका उत्पादन करेंगी.
क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के मुताबिक वैक्सीन 91.6 फीसदी मामलों में सफल रही है. लैंसट मेडिकल जर्नल के मुताबिक वैक्सीन कोरोना के गंभीर मामलों से पूरी तरह सुरक्षा दिलाती है. RDIF के मुताबिक स्पुतनिक V का कोई साइड-इफेक्ट या एलर्जी जैसा असर नहीं है और वैक्सीन ज्यादा लंबे समय के लिए इम्यूनिटी देती है.
स्पुतनिक V (Sputnik-V) को 2 से 8 डिग्री सेलशियस तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है. मतलब ये कि इसके स्टोरेज के लिए किसी खास लॉजिस्टिक्स की जरूरत नहीं पड़ेगी – पहले से ही इस्तेमाल हो रहे आम रेफ्रिजरेटर काम में लाए जा सकते हैं, किसी नए कोल्ड-चेन इंफ्रा को डेवलप करने की जरूरत नहीं होगी.
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