अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स (Novavax) की बनाई कोविड-19 वैक्सीन कोवोवैक्स (Covovax) के पहले बैच का उत्पादन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में किया जा रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ (CEO) अदार पूनावाला ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर ये जानकारी दी है. गौरतलब है कि इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा दो हफ्ते पहले ही जारी किया गया था जिसमें ये 90 फीसदी कारगर बताई गई है.
अदार पूनावाला ने ट्वीट कर बताया कि कोवोवैक्स (Covovax) जिसे नोवावैक्स ने विकसित किया है उसके पहले बैच का उत्पादन इस हफ्ते शुरू हो गया है और वे इसे लेकर उत्साहित हैं. उन्होंने लिखा है कि ये वैक्सीन 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए भी कारगर साबित हो सकती है, इसका ट्रायल अभी जारी है. उन्होंने अपनी टीम की इस सफलता के लिए सराहना भी की.
Excited to witness the first batch of Covovax (developed by @Novavax) being manufactured this week at our facility in Pune. The vaccine has great potential to protect our future generations below the age of 18. Trials are ongoing. Well done team @seruminstindia! pic.twitter.com/K4YzY6o73A
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) June 25, 2021
कोवोवैक्स का ट्रायल भारत में मार्च में ही शुरू हुआ और सितंबर तक इसे लॉन्च करने की तैयारी है.
अगस्त 2020 में नोवावैक्स (Novavax) ने सीरम इंस्टीट्यूट के साथ कोविड-19 वैक्सीन उम्मीदवार NVX-CoV2373 के विकास और मिडिल इनकम देशों में बिक्री के लिए लाइसेंसिंग करार किया था.
वहीं, इसी साल जनवरी में सीरम इंस्टीट्यूट ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड की बनाई वैक्सीन कोविशील्ड का वितरण भारत में शुरू किया था. कोविशील्ड अब तक भारत में सबसे ज्यादा लगाई गई वैक्सीन है.
अमेरिकी बायोटेक्नोलॉजी कंपनी नोवावैक्स (Novavax) ने 14 जून को ऐलान किया था कि उनकी बनाई कोविड-19 वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) ने अमेरिका और मेक्सिको में हुए क्लिनिकल ट्रायल में बड़ी सफलता हासिल की है और वायरस के वेरिएंट्स पर भी असरदार साबित हुई है. कंपनी ने एक बयान में कहा है कि उनकी वैक्सीन 90 फीसदी असरदार साबित हुई है और शुरुआती डाटा के मुताबिक सुरक्षित भी है.
नोवावैक्स (Novavax) ने कहा है कि वे सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में मंजूरी के लिए अर्जी देंगे और तब तक लगभग 10 करोड़ डोज हर महीने उत्पादन कर सकेंगे.
नोवावैक्स ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल में वैक्सीन कारगर क्षमता 90 फीसदी पाई गई है. जबकि, तीसरे चरण के ट्रायल में वैक्सीन मध्यम से गंभीर संक्रमण रोकने में 100 फीसदी सफल हुई है
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