राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता और महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने निर्यात कंपनियों को राज्य को रेमडेसिविर (Remdesivir) की आपूर्ति नहीं करने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र में सत्तासीन भाजपा को कोरोना वायरस से निपटने के बजाय चुनाव जीतने में अधिक दिलचस्पी है. भाजपा ने यह कहते हुए उन पर पलटवार किया कि मलिक को ‘झूठे’ एवं ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाने के लिए माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा सबूत देना चाहिए. उसने कहा कि उन्हें अपने पद से हट जाना चाहिए.
मलिक के आरोप से कुछ दिन पहले केंद्र ने कोविड-19 के मामलों में अनायास वृद्धि के चलते रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) के निर्यात पर रोक लगा दी थी. रेमडेसिविर कोविड-19 के क्लिनिकल प्रबंधन प्रोटोकॉल के तहत गंभीर मरीजों के वास्ते इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध दवा है.
राज्य के अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘ यह दुखद एवं चौंकाने वाली बात है कि जब महाराष्ट्र सरकार ने 16 निर्यात कंपनियों से रेमडेसिविर मांगा तब हमसे कहा गया कि केंद्र सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र को यह दवा नहीं देने को कहा है.’’
Here is the another proof of step motherly treatment given by central government to #Maharashtra. This is the approval letter to one of the export companies to supply stock of #Remdesivir to the state of Gujarat Only. Can this double standards be explained ?@ANI @PTI_News pic.twitter.com/p2It2JHkMy
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) April 17, 2021
उन्होंने कहा कि यह खतरनाक परिपाटी है और ऐसी स्थिति में तो राज्य सरकार के पास इन निर्यातकों से रेमडेसिविर का भंडार जब्त करने और उसे जरूरतमंदों को देने के सिवा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा.
इससे पहले मलिक ने ट्वीट किया था ‘‘ देश में 16 निर्यातोन्मुखी इकाइयां हैं जिनके पास रेमडेसिविर (Remdesivir) की 20 लाख वाइल्स (शीशियां) हैं. चूंकि सरकार ने अब निर्यात पर पाबंदी लगा दी है, इसलिए ये इकाइयां देश में यह दवा बेचने की अनुमति मांग रही हैं लेकिन सरकार उन्हें अनुमति नहीं दे रही है.’’
उन्होंने लिखा, ‘‘सरकार कहती है कि उसे उन सात कंपनियों के जरिए बेचा जाए तो उसका उत्पादन कर रही हैं. ये सात कंपनियां यह जिम्मेदारी लेने से मना कर रही हैं. यह निर्णय लेने का संकट है.’’
बाद में मलिक ने संवाददाताओं से कहा, ‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ( इस मुद्दे पर) फोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत करने का प्रयास कर रहे थे लेकिन उन्हें बताया गया कि वह (प्रधानमंत्री) पश्चिम बंगाल की यात्रा पर हैं…. यह दर्शाता है कि भाजपा की रूचि इस संकट का समाधान करने से अधिक चुनाव जीतने में है.’’
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