कोरोना की दूसरी लहर के बढ़ते संकट के साथ और राज्यों की ओर से इलाज में इस्तमाल में लाई जा रही रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. केमिकल और फर्टिलाइजर के केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने जानकारी दी है कि रेमडेसिविर दवा का उत्पादन बढ़ाने के लिए 6 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को फास्ट-ट्रैक मंजूरी दे दी गई है. ये कंपनियां कुल 7 जगह इन दवा का प्रोडक्शन करेंगी.
जानकारी के मुकाबिक इन कंपनियां के पास हर महीने रेमडेसिविर की 10 लाख वायल का उत्पादन करने की क्षमता रखती हैं.
कल ही महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के लोगों को दिए अपने संबोधन में बताया था कि राज्य में रेमडेसिविर की भारी कमी है. वहीं राज्य में ऑक्सीजन की भी भारी कमी है. इन दोनों की आपूर्ति के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई वर्चुअल बैठक में मांग उठाई थी.
रेमडेसिविर (Remdesivir) दवा के एक्सपोर्ट पर सरकार ने रविवार को प्रतिबंध लगाया है.
वहीं फार्मा कंपनी सिप्ला ने अप्रत्याशित डिमांड को देखते हुए कोविड-19 की इस दवा का प्रोडक्शन दोगुना कर दिया है. कंपनी ने कहा है कि महामारी की पिछली लहर के मुकाबले इस दूसरे लहर के दौर में उन्होंने रेमडेसिविर दवा का उत्पादन बढ़ाकर दोगुना कर दिया है.
हालांकि गौर करने वाली बात ये भी है कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने पिछले साल नवंबर में ये जानकारी दी थी कि इसका कोई सुबूत नहीं है कि कोरोना मरीजों को रेमडेसिविर दवा (Remdesivir) देने से उनके बचने या स्थिति बेहतर होने की संभावना ज्यादा रेहगी. संस्था की इस जानकारी के बावजूद भारत जैसे कई देशों में इसका बड़े स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है.