Remdesivir Black-marketing: कोरोना से बने संवेदनशील माहौल में भी दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे कारोबारियों पर गुजरात में शिकंजा कसने की योजना बनाई गई है. फार्मेसी काउंसिल ने पंजीकृत फार्मासिस्टों को नोटिस जारी किए हैं, जिसमें नियम विरुद्ध एमआरपी (MRP) से अधिक कीमत और जमाखोरी करने वाले फार्मासिस्ट का सीधा लाइसेंस रदद (License Cancel) करने की बात कही है. फार्मेसी काउंसिल के इस कदम से जमाखोरी और कालाबाजारी पर काफी हद तक लगाम लगने की संभावना है.
सूरत, अहमदाबाद, आनंद, वडोदरा और मोरबी में उच्च कीमतों पर रेमडेसिविर (Remdesivir) बेचने के मामले सामने आए हैं. इसमें फार्मेसी काउंसिल ने पंजीकृत फार्मासिस्टों को नोटिस जारी करते हुए कहा कि मजबूर लोगों को उच्च कीमतों पर इंजेक्शन बेचनेवालो के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी. इंजेक्शन की कालाबाजारी, नकली दवा बेचने, इंजेक्शन बेचने, एमआरपी (MRP) से ज्यादा कीमत वसूलने, ड्रग और इंजेक्शन की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकारी या कम्युनिटी फार्मासिस्ट, अगर कालाबाजारी करते हुए पकड़ा जाएगा तो उनके लाइसेंस लाइफटाइम के लिए निरस्त कर दिए जाएंगे. इसके अलावा फार्मेसी एक्ट 1948 और फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन एक्ट 2015 के तहत छह माह की जेल की सजा भी होगी.
गुजरात स्टेट फार्मेसी काउंसिल द्वारा एक प्रतीकात्मक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें अगर कोई फार्मासिस्ट प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रेमडेसिविर इंजेक्शन के ब्लैक-मार्केटिंग में शामिल पाया जाता है, तो फार्मासिस्ट का लाइसेंस जीवनभर के लिए निरस्त कर दिया जाएगा.
गौरतलब है कि कोरोना की गंभीर अवस्था में रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir) कम ऑक्सीजन के स्तर वाले रोगियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होती है. इस हालात में रोगी के रिश्तेदार असहाय हो जाते हैं और उनके पास अपने रिश्तेदारों के जीवन को बचाने के लिए इंजेक्शन खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है.
कालाबाजारी करनेवाले और जमाखोर मरीजों की इसी स्थिति का फायदा उठाकर इंजेक्शन का स्टॉक करके बाद में उसे अधिक कीमतों पर बेचते हैं. इसी को ध्यान में रखकर परिषद ने बड़ा फैसला किया है. अब कोई भी व्यक्ति गुजरात फार्मेसी काउंसिल में ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है.
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