प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक लाख कोविड फ्रंटलाइन वर्कर्स (Crash course for frontline healthcare workers) को ट्रेनिंग देने के लिए क्रैश कोर्स लॉन्च किया. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘कस्टमाइज्ड क्रैश कोर्स प्रोग्राम फॉर कोविड-19 फ्रंटलाइन वर्कर्स’ के लिए प्रोग्राम लॉन्च किया है. स्किल इंडिया के तहत 6 नए क्रैश कोर्स विकसित किए गए हैं जिससे फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा. 26 राज्यों में 111 ट्रेनिंग सेंट्रस में चरणबद्ध तरीके से प्रोग्राम शुरू किया जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ हेल्थवर्कर्स का पूल भी बढ़ना चाहिए. वर्तमान फोर्स को सपोर्ट करने के लिए करीब एक लाख युवाओं को ट्रेन करने का लक्ष्य रखा गया है. ये कोर्स 2-3 महीने में ही पूरा हो जाएगा इसलिए ये लोग तुरंत काम के लिए उपलब्ध भी हो जाएंगे और ट्रेन सहायक के रूप में मौजूदा व्यवस्था को मदद करेंगे.
कौशल विकास और उद्यम मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्रनाथ पांडे ने कहा, “ऑक्सीजन प्रोवाइडर, वेंटिलेटर, सैंपल कलेक्शन, होम केयर में ये स्टाफ मददगार साबित होंगे. ट्रेनिंग के बाद इन्हें लोगों को सेवा में भेजा जाएंगे. इस योजना के लिए 273 करोड़ रुपये का प्रवाधान किया गया है.”
ट्रेनिंग के जरिए कोविड वॉरियर्स को 6 खास तरह के काम करने की स्किल दी जाएगी. इसमें होम केयर सपोर्ट, बेसिक केयर सपोर्ट, एडवांस्ड केयर सपोर्ट, इमरजेंसी केयर सपोर्ट, सैंपल कलेक्शन सपोर्ट, और मेडिकल इक्विप्मेंट सपोर्ट शामिल हैं.
यानी, कोविड-19 के अनुरूप फ्रंटलाइन वर्कर्स को घर पर इलाज कराने और सैंपल लेने से लेकर खास मेडिकल डिवाइस के इस्तेमाल का प्रशिक्षण मिलेगा.
कोर्स में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पल्स ऑक्सीमीटर, इमरजेंसी के लिए ऐंबुलेंस तैयार करना और पीड़ित के घर में सहायता प्रधान करने जैसी ट्रेनिंग शामिल हैं.
ट्रेनिंग में शामिल छात्रों को कई सुविधाएं दी जाएंगी जैसे सेंटर पर रहने की सुविधा, 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा, और स्टाइपेंड. साथ ही राज्य ये सुनिश्चित करेंगे कि इनके टीकाकरण को प्राथमिकता दी जाए.
इस प्रोग्राम के लॉन्च पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल हुए.
स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर काम
प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं की स्किलिंग से देश को बहुत बड़ी ताकत मिली है. जब से कोरोना की चनौती हमारे सामने आई है तब से ही कौशल विकास मंत्रालय ने देश के लाखों हेल्थवर्कर्स को ट्रेन करने में अहम भूमिका निभाई है. जन संख्या को देखते हुए जो हेल्थ सुविधाएं हैं उसका विस्तार करना बेहद आवश्यक है. एक फोक्सड तरीके से काम किया गया है. पिछले कुछ सालों से नए एम्स, नए मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कॉलेज बढ़ाने पर काम किया गया है और इनमें से कुछ काम करना भी शुरू हो गए हैं. जिस तेजी से हेल्थवर्कर्स बढ़ाने पर काम हो रहा है वो अभूतपूर्व है.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल में गांवों में संक्रमण रोकने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में सबे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. पहाड़ी, जनजाति इलाकों में भी टीकाकरण अभियान आगे ले जाने में इनकी भूमिका अहम है.
Launching the ‘Customised Crash Course programme for Covid 19 Frontline workers.’ https://t.co/yDl3F0eLVF
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
इस प्रोग्राम को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 3.0 (PM Kaushal Vikas Yojana) के तहत चलाया जाएगा और इसपर कुल 276 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. मंत्रालय के मुताबिक, इस स्कीम से नॉन-मेडिकल हेल्थकेयर वर्कर्स को स्किल मिलेगी जिससे भविष्य की जरूरत को पूरा किया जा सकेगा.
गौरतलब है कि देश में कोविड-19 की अगली लहर को लेकर चिंताएं और आशंकाएं बनी हुई हैं. अस्पतालों में बेड के साथ ही ज्यादा मेडिकल स्टाफ की जरूरत होगी. डॉक्टरों और नर्सों की ट्रेनिंग और शिक्षा में लंबा समय लगता है ऐसे में सैंपल कलेक्शन और होम केयर जैसे काम ये फ्रंटलाइन वर्कर्स कर पाएंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, “21 जून से देश में टीकाकरण अभियान का विस्तार हो रहा है. उसे भी ये साथी बहुत ताकत दे रहे हैं. 21 जून से जो टीकाकरण शुरू हो रहा है उससे जुड़ी कई गाइडलाइंस जारी की गई है. 18 वर्ष के ऊपर के नागरिकों को वहीं सुविधाएं मिलेंगी जो 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को मिल रही थी. सरकार हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. मास्क और दो गज की दूरी बहुत जरूरी है.”
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