केंद्र सरकार ने ऑक्सीजन आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा की है और निर्णय लिया है कि तत्काल प्रभाव से, तरल ऑक्सीजन (Oxygen) का उपयोग, मौजूदा स्टॉक सहित, केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए अनुमति दी जाएगी. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. सरकार के मुताबिक, सभी विनिर्माण इकाइयों को तरल ऑक्सीजन (Oxygen) के अपने उत्पादन को अधिकतम करने की अनुमति दी जा सकती है, और इसे केवल चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उपयोग करने के लिए सरकार को उपलब्ध कराया जा सकता है. सरकार के इस निर्णय से अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी दूर हो सकेगी. अभी लोग जिस तरह से परेशान हैं उन्हें आसानी से मरीजों के लिए ऑक्सीजन मिल सकेगी.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते देश का पूरा सिस्टम हिल गया है. अस्पतालों में हो रही ऑक्सीजन की किल्लत के चलते लोगों की जान खतरे में पड़ गई है. ऐसे में सरकार समेत कई कंपनियां भी अपनी तरफ से कोशिश कर रही है. इसी सिलसिले में मशहूर फर्टिलाइजर कंपनी इफको (IFFCO) भी आगे आया है. कंपनी देश में चार ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है. तीसरे प्लांट पर काम 30 मई से शुरू किया जाएगा.
इससे अस्पतालों में निशुल्क ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी. जिससे लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी. यह प्लांट उत्तर प्रदेश के फूलपुर में लगाया जा रहा है. इसके अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी प्लांट लगाया जा रहा है. कंपनी प्लांट के लिए करीब 30 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. कंपनी की इस पहल से लाखों लोगों को उम्मीद की एक नई किरण मिलेगी.
इफको यूपी में फूलपुर के अलावा बरेली के आंवला, ओडिशा के पारादीप और गुजरात के कलोल में भी एक—एक प्लांट लगा रही है. यहां तैयार की जाने वाली ऑक्सीजन आस-पास के क्षेत्रों के अस्पतालों को मुफ्त में सप्लाई की जाएगी.
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