कोविड की दूसरी लहर से गुजरात में भी हालात खराब हैं. इसी के चलते अब राज्य में ऑक्सीजन (Oxygen) की मांग 17 गुना तक बढ़ चुकी है. सरकार ने ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए अब गुजरात के 29 जिला सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए पीएम केयर्स फंड के इस्तेमाल की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. इससे पहले राज्य में 11 ऑक्सीजन (Oxygen) प्लांट लगाने की मंजूरी दी गई थी. अब जिन जिलों में ऑक्सीजन (Oxygen) प्लांट लगाए जाएंगे उनमें से एक गांधीनगर में कोलवाड़ा आयुर्वेदिक अस्पताल में ऑक्सीजन (Oxygen) प्लांट शुरू कर दिया गया है.
राज्य में कोरोना मरीजों के उपचार के संबंध में गुजरात सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में यह स्वीकार किया गया है कि वर्तमान में 52,036 कोरोना मरीज राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन (Oxygen) पर हैं. सरकार ने यह भी कहा है कि राज्य में ऑक्सीजन की खपत प्रतिदिन 8-9 फीसदी बढ़ रही है और 10-12 दिनों में ऑक्सीजन की मांग दोगुनी हो रही है. सरकार ने कहा कि राज्य में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 15 मार्च को 58 टन से बढ़कर 1 अप्रैल को 155 टन हो गई थी. सरकार के अनुसार 23 अप्रैल को, राज्य के 1,867 अस्पतालों में कोविड -19 मरीजों के लिए कुल 91,924 बेड उपलब्ध थे.
राज्य सरकार ने कहा है कि मेडिकल ऑक्सीजन की अधिक मात्रा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार को आवेदन किया गया है. उल्लेखनीय है कि राज्य में अभी कुल सक्रिय मामलों में से 56 फीसदी मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. रेमडेसिविर इंजेक्शन की स्थिति के बारे में एक हलफनामे में, राज्य सरकार ने कहा कि 1 अप्रैल से, सरकार को 100 मिलीलीटर इंजेक्शन की कुल 5,17,535 वायल्स मिली थीं और 1 अप्रैल के बाद, सरकार ने इंजेक्शन के 10,39,000 वायल्स का ऑर्डर दिया था. 21 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच, केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन गुजरात भेजे हैं. केंद्र के माध्यम से गुजरात को कुल 1,63,559 रेमडेसिविर इंजेक्शन दिए गए हैं, जिनमें से Zydus Cadila ने 1.20 लाख इंजेक्शन दिए हैं.
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