कोविड-19 के प्रकोप के कारण पूरे देश में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है. अस्पतालों एवं मरीजों तक समय पर ऑक्सीजन पहुंचानें की हर संभव कोशिश की जा रही है. यह सुनिश्चित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. दरअसल, NHAI द्वारा लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) ले जाने वाले टैंकरों और कंटेनरों को राष्ट्रीय राजमार्गों के टोल प्लाजा पर टोल फीस में छूट प्रदान की गई है. ऐसा इन वाहनों को निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए किया गया है.
तेजी से फैल रही कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान गंभीर रूप से प्रभावित रोगियों की जान बचाने के लिए अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में समय पर लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति बहुत ही आवश्यक है. कोविड-19 महामारी के कारण पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन की बढ़ी हुई जरूरत को ध्यान में रखते हुए लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन ले जाने वाले कंटेनरों को एंबुलेंस जैसे अन्य आपातकालीन वाहनों की तरह ही माना जाएगा. ऐसा दो महीने की अवधि के लिए या अगले आदेश तक जारी रहेगा.
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हालांकि टोल प्लाजा पर फास्टैग लागू होने के बाद प्रतीक्षा समय लगभग शून्य हो गया है, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा पहले से ही ऐसे वाहनों को चिकित्सा ऑक्सीजन का त्वरित और निर्बाध परिवहन करने के लिए निर्बाध मार्ग प्रदान किया जा रहा है. एनएचएआई द्वारा अपने सभी अधिकारियों और अन्य हितधारकों को यह निर्देश भी जारी किया गया है कि वे महामारी से लड़ने के लिए सरकारी और निजी प्रयासों की सहायता करें, जिससे उन्हें सक्रिय रूप से सहायता प्राप्त हो सके.
टोल प्लाजा पर उपयोगकर्ता शुल्क के भुगतान में छूट देने से राष्ट्रीय राजमार्गों पर मेडिकल ऑक्सीजन का आवागमन तीव्र गति से सुनिश्चित हो सकेगा. इससे पहले, मध्य प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन ले जाने वाले वाहनों को एम्बुलेंस का दर्जा देने की घोषणा की थी. उस वक्त मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जिस समय टैंकर को प्लांट से अस्पताल ले जाया जाएगा, उस दौरान पुलिस की गाड़ी उसके साथ रहेगी.
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