भारत में एक और वैक्सीन के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा. रूस की डेवलप की गई वैक्सीन स्पूतनिक V (Sputnik V) की फिलहाल भारत में मंजूरी नहीं मिली है. वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए बनाई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने कंपनी ने वैक्सीन पर और जानकारी मांगी है. अगर वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती तो ये भरत में इस्तेमाल में लाई जा रही तीसरी वैक्सीन हो जाती. अब तक कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ही इस्तेमाल की मंजूरी मिली है. मंजूरी मिलने से भारत को तीसरे चरण के वैक्सीनेशन ड्राइव में भी मदद मिलती. लेकिन अभी इसके लिए इंतजार करना होगा.
भारतीय फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैब ने इस वैक्सीन के लिए रशिया डायरेक्ट डेवलपेंट फंड (RDIF) के साथ करार किया है जिसके तहत वे भारत में इसका प्रोडक्शन करेंगे. लैंसट के डाटा के मुताबिक वैक्सीन (Sputnik V) कोविड-19 के खिलाफ 91.6 फीसदी कारगर है. इस वैक्सीन की भी दो डोज देने की जरूरत पड़ती है. फिलहाल दुनियाभर में सिर्फ जॉनसन एंड जॉनसन की बनाई वैक्सीन जैनसन है जिसका सिर्फ एक डोज दिया जाता है.
फरवरी में डॉक्टर रेड्डीज लैब ने वैक्सीन (Sputnik V) के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया था जिसपर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने विचार किया है और कंपनी से अतिरिक्त डाटा की मांग की है. कंपनी ने फेज 2 के क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर स्पूतनिक V को मंजूरी दिलाने के लिए आवेदन दिया था. भारत में किए फेज 2 ट्रायल में 1500 लोग शामिल थे. अभी वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल जारी है.
भारत में सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने 1 जनवरी को ही सीरम इंस्टिट्यूट के मैन्युफैक्चर किए कोविशील्ड को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी जिसके बाद वैक्सीन को 4 जनवरी को सरकार से इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. 16 जनवरी से भारत में वैक्सीनशेन देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी. वहीं कोवैक्सीन को दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के डाटा के आधार पर ही इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिल गई थी.
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