राज्य में फैलते कोरोना संक्रमण और हाइकोर्ट से लताड़ के बाद गुजरात सरकार एक्शन मोड में आ गई है. मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए. अब राज्य में ऑक्सीजन प्लांट पर सरकार की सीधी निगरानी रहेगी. हर ऑक्सीजन संयंत्र में एक सरकारी अधिकारी नियुक्त किया गया है.
ऑक्सीजन प्लांट और अस्पतालों की निगरानी
ऑक्सीजन प्लांट से लेकर अस्पताल तक निगरानी रखी जाएगी. वर्तमान में राज्य में 800 टन ऑक्सीजन की खपत है. कोरोना के कारण ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है. अन्य राज्य ऑक्सीजन की मांग कर रहे हैं, लेकिन सीएम रूपाणी ने अन्य राज्यों को ऑक्सीजन नहीं देने का निर्देश दिया है.
टेस्टिंग की कीमत तय
इसके अलावा, सरकार ने कोरोना मरीजों के एचआरसीटी और सीटी स्कैन के लिए एक तय शुल्क निधार्रित की है. राज्य सरकार ने कोरोना के मरीजों को राहत देने का फैसला किया है. एचआरसीटी और सीटी स्कैन की अधिकतम कीमत 3,000 रुपये तय की गई है. निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूलने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
रात में नहीं बजेगा सायरन
मौजूदा वक्त में गुजरात के 20 शहरों में रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक रात का कर्फ्यू लागू है. कर्फ्यू के कारण रात में माहौल काफी शांत हो जाता है. ऐसे समय में एम्बुलेंस सायरन बजता है, इसे दूर के इलाकों में स्पष्ट रूप से सुना जा सकता है. यह अधिक चिंता, घबराहट, भय का माहोल पैदा करता है. सरकार ने आदेश दिया है कि नागरिकों में घबराहट और दहशत को रोकने के लिए 108 सहित निजी क्षेत्र द्वारा संचालित एम्बुलेंस द्वारा रात को कोई सायरन नहीं बजाया जाएगा.