Remdesivir Injection: देश में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन और Remdesivir Active Pharmaceutical Ingredients (API) के निर्यात पर रोक लगा दी है. इस इंजेक्शन का इस्तेमाल कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जाता है. पिछले कुछ दिनों से कोरोना के मामलों में हो रही तेज बढ़ोतरी के चलते इसके स्टॉक में भारी कमी आ गई है जिसके कारण सरकार को इसके निर्यात पर रोक लगाने का फैसला करना पड़ा है.
सरकार ने कहा है कि रेमडेसिविर बनाने वाली सभी घरेलू कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने स्टॉकिस्ट्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के ब्योरे अपनी साइट्स पर डालें ताकि इस दवा को आसानी से लोगों को मुहैया कराया जा सके. सरकार ने ये भी कहा है कि ड्रग्स इंस्पेक्टर और अन्य अफसरों को निर्देशित किया जाता है कि वे स्टॉक्स को वेरिफाई करें और यह सुनिश्चित करें कि दवा की जमाखोरी और कालाबाजारी न हो सके.
रेमडेसिविर इंजेक्शन के अलावा सरकार ने इसके एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रेडिएंट (API) के निर्यात पर भी रोक लगा दी है.
देश के कई हिस्सों में स्टॉक खत्म होने के मामले सामने आए
पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही अस्पतालों में अब बेड्स कम पड़ने लगे हैं. इसके साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन का स्टॉक भी खत्म होने लगा है.
गुजरात में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच इलाज में कारगर साबित हो रही रेमडेसिविर की कमी देखने को मिल रही है. प्रदेश सरकार ने कमी के मद्देनजर 10 हजार इंजेक्शन एयरलिफ्ट कर सूरत में मंगवाया. इसकी जानकारी के बाद सूरत के किरण हॉस्पिटल में लंबी लाइन लग गई. लोग सुबह 6 बजे से ही इंजेक्शन लेने के लिए जुट गए। यही हाल जायडस हॉस्पिटल के बाहर भी देखने को मिला.
महाराष्ट्र में भी कई जगहों पर इस इंजेक्शन की कमी के मामले मीडिया में आए हैं. खासतौर पर नागपुर में कोरोना के इलाज में काम आने वाली दवाइयों के स्टॉक के खत्म होने और दवाओं की दुकानों के बाहर लोगों की भारी भीड़ की तस्वीरें दिखाई दी हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।