COVID-19 Update: दुनियाभर में कोरोना संकट ने कोहराम मचाया हुआ है. अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल के मुताबिक वहां अब तक 3.25 करोड़ लोगों को कोविड संक्रमण हो चुका है और 5.79 लाख लोग कोविड की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. हालांकि पिछले 30 दिनों में यहां कोरोना के मामलों में गिरावट जरूर देखने को मिल रही है. अमेरिका में अब तक 58.5 फीसदी आबादी को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगाई जा चुकी है.
भारत से तुलना करें, तो पाएंगे कि यहां अब तक 2.33 करोड़ को संक्रमण हो चुका है और 2.54 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई है. देश में 13.66 करोड़ को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई है.
युनाइटेड किंग्डम में 3,55,87,348 को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी है जो कुल आबादी का 67.6 फीसदी है. वहीं 34.3 फीसदी आबादी को वैक्सीन की दूसरी डोज भी लगाई जा चुकी है.
हालांकि कई देशों में वैक्सीनेशन सुस्त हो रही है.
Japan COVID-19 Update: जापान में वैक्सीनेशन की रफ्तार काफी धीमी है. वहीं दूसरी ओर देश में 100 दिनों के अंदर टोक्यो ऑलंपिक्स और पैरालिंपिक गेम्स के आयोजन की चुनौती बनी हुई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान ऑलंपिक खेलों से पहले सभी खिलाड़ियों का टीकाकरण करेगा.
जापान जैसे देश में भी टीकाकरण सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया से काफी पीछे है.
सिर्फ जापान ही नहीं, ब्राजील भी ऑलंपिक्स में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को इस हफ्ते वैक्सीन लगाने की शुरुआत करेगा.
दक्षिण अफ्रीका की बात करें तो यहां भी कोरोना के मामलों को लेकर चिंता बनी हुई है और देश वैक्सीन के आयात पर निर्भर कर रहा है. यहां सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से आयात किए टीकों के जरिए वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हुई है.
बढ़ते मामलों की वजह से माल्दीव्स ने दक्षिण एशिया से आने वाले यात्रियों पर बैन लगा दिया है. यानी अब भारत के रईस इस कोविड संकट के बीच छुट्टियां मनाने माल्दीव्स नहीं जा पाएंगे.
दूसरी तरफ यूरोपीय संघ का मानना है कि वैक्सीनेशन में आई तेजी से वहां आर्थिक रिकवरी की उम्मीद बन रही है जिसे यूरोप मंदी से निकलने में कामयाब होगा.
उम्मीदों की खबरों के बीच एक ऐसा देश भी है जिसने अपने देश की पूरी आबादी को कोविड रोधी टीका लगा दिया है. प्रशांत महासागर में एक छोटा देश है नौरू जिसने कहा है कि उन्होंने अपने देश की पूरी वयस्क आबादी को वैक्सीन का पहला डोज लगाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भारत के कोविड-19 वेरिएंट को चिंता का कारण बताते हुए कहा कि ये वेरिएंट 44 अन्य देशों में मिला है. उन्होंने इस वेरिएंट को भारत में बढ़ते मामलों की वजह बताया है और कहा है कि इसका असर अन्य इलाकों में भी दिख रहा है.
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