COVID-19 Vaccination: कोविड-19 के खिलाफ देश में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की शुरुआत होने के बीच विशेषज्ञों ने तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए निजी सेवा प्रदाताओं के साथ तालमेल से क्षमता बढ़ाकर अभियान में तेजी लाने की सिफारिश की है. केंद्र ने मंगलवार को कहा था कि भारत कुछ जिलों में गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है जिसके कारण समूचे देश को खतरा है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘वायरस को रोकने और जान बचाने के लिए तमाम प्रयास किए जाने चाहिए.’’ डॉ. पॉल कोविड-19 के लिए टीके की खुराक देने को लेकर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के प्रमुख और केंद्र की कोविड-19 रेस्पांस टीम के सदस्य हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र को आगे आना चाहिए और टीकाकरण अभियान में हिस्सा लेना चाहिए. हमें बताया गया है कि देश में 20,000 निजी टीकाकरण केंद्र हैं. लेकिन देश में निजी क्षेत्र द्वारा 6,000 से कम टीकाकरण केंद्र ही चलाए जा रहे हैं. हम निजी क्षेत्र से शेष टीकाकरण केंद्रों (Vaccination Centres) को चालू करने और उनकी संख्या बढ़ाने का आग्रह करते हैं.’’
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स-इंडिया (एएचपीआई) के महासचिव डॉ. गिरधर ज्ञानी ने कहा कि नए मामलों में वृद्धि के मद्देनजर केंद्र को टीके के संबंध में अपनी नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत में हालत स्थिर होने तक कम निर्यात होना चाहिए. डॉ. ज्ञानी ने कहा, ‘‘सरकार को इस समय जोखिम नहीं लेना चाहिए क्योंकि हमारे देश को टीके की सख्त जरूरत है.’’
डॉ. ज्ञानी ने कहा, ‘‘निजी क्षेत्र ने विश्वस्तरीय व्यवस्था तैयार की है और इससे निरंतर सीखने को मिल रहा है. इसलिए हमने निजी क्षेत्र की पूरी ताकत का इस्तेमाल करते हुए सरकार से टीकाकरण रणनीति (Vaccination Strategy) को बेहतर करने का अनुरोध किया है और देश के लोगों से भी साफ-सफाई की आदतें अपनाने का आग्रह किया है.’’
भारत में सितंबर में सबसे ज्यादा मामले आए थे और उसके बाद फरवरी की शुरुआत तक प्रतिदिन 9,000 से कम मामले आ रहे थे. मार्च में फिर से मामले बढ़ने लगे.
स्वास्थ्य सेवा प्रदाता न्यूरोइक्विलिब्रियम के संस्थापक रजनीश भंडारी ने कहा, ‘‘भारत में एसी और वातानुकूलित प्रणाली गर्मियों में चालू हो जाती है और लोग बंद स्थानों पर काम करते हैं. इस कारण से तापमान बढ़ने पर कोविड-19 के मामले भी बढ़ रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में संक्रमण ज्यादा नहीं फैला है क्योंकि वहां लोग बंद स्थानों पर काम नहीं करते. हालांकि निजी प्रदाताओं की मदद से अभियान को गति दिए जाने की जरूरत है.’’
भंडारी ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रसार को जानना बहुत जटिल विषय है और विज्ञान कई पहलुओं के आधार पर इसका विश्लेषण कर रहा है.
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