कोविड कार्यबल के प्रमुख वी के पॉल ने सोमवार को कहा है कि जिस अप्रत्याशित तरीके से कोरोना वायरस का व्यवहार बदलता है, उसमें कोविड महामारी की किसी लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती. उन्होंने यह भी कहा कि ‘अनुशासन और महामारी से निपटने के लिये प्रभावी कदम ’ देश को किसी भी तरह के बड़े संकट से दूर रखने में मददगार हो सकते हैं. वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप (Delta Plus Variant) को लेकर चिंता के बीच पॉल ने कहा कि अबतक ऐसा कोई वैज्ञानिक आंकड़ा नहीं है, जिससे यह स्थापित हो कि यह एक से दूसरे में तेजी से फैलने वाला है या फिर कोविड के टीके का असर कम करता है.
पॉल नीति आयोग के सदस्य भी हैं. उन्होंने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि किसी भी आकार की महामारी की नयी लहर कई बातों पर निर्भर करती है. वर्तमान महामारी के मामले में कोविड19 संक्रमण से बचाव के समुचित व्यवहार , परीक्षण और संक्रमण की रोकथाम के लिये रणनीति के मामले में व्यापक अनुशासन और टीकाकरण की दर पर निर्भर करेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, वायरस का अप्रत्याशित व्यवहार महामारी की गतिशीलता को भी बदल सकता है. ऐसे परिदृश्य में, उनका जटिल कारक संक्रमण के फैलने और उसके प्रकोप को निर्धारित करेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘महामारी की और लहर आएगी या नहीं , यह हमारे अपने वश में नहीं है. मेरे हिसाब से, लहर की कोई तारीख नहीं बतायी जा सकती है.’’
उल्लेखनीय है कि देश में कोविड महामारी की दूसरी लहर में एक समय संक्रमितों की संख्या रोजाना चार लाख से ऊपर पहुंच गयी थी जो पिछले कुछ दिनों में घटकर 50,000 के करीब आ गयी है. इसके साथ देश के कई राज्यों में पाबंदियों में ढील भी दी जा रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम दृढ़ संकल्प और अनुशासन के साथ काम करते हैं तथा महामारी से निपटने के लिये प्रभावी कदम उठाये जाते हैं तो हम संक्रमण की किसी नयी लहर से बच सकते है.’’
वायरस के डेल्टा प्लस स्वरूप (Delta Plus Variant) के बारे में पूछे जाने पर पॉल ने कहा कि इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी काफी शुरूआती चरण की है.
उन्होंने कहा, ‘‘डेल्टा स्वरूप में जो अतिरिक्त बदलाव है, क्या उससे संक्रमण तेजी से फैलेगा या उसके संक्रमण से बीमारी ज्यादा गंभीर होगी अथवा टीके के प्रभाव पर कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, इन सबके बारे में अबतक कोई बात स्थापित नहीं हुई है. हमें इस बारे में अभी और सूचना का इंतजार करना चाहिए.’’
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप डेल्टा प्लस का पता 11 जून को चला और इसे ‘चिंताजनक’ श्रेणी में रखा गया है.
कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस के विरुद्ध कोवैक्सीन और कोविशीलड की प्रतिरोधक क्षमता के बारे में पॉल ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक आकलन के अनुसार दोनों टीके डेल्टा प्लस समेत कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के विरुद्ध प्रभावी हैं.
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित टीकों का मार्ग प्रशस्त करने को लेकर चर्चा चल रही है. इस मुद्दे के कई आयाम हैं और हम जल्द से जल्द ऐसा रास्ता खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर सभी की सहमति हो.
पॉल ने कहा, ‘‘हम हर संभव तरीके से इस मामले में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं.’’
भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के कोवैक्सिन आवेदन मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बारे में पूछे जाने पर, पॉल ने कहा कि प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी ने पिछले सप्ताह अतिरिक्त दस्तावेज जमा किये हैं. हम आंकड़ों की शीघ्र समीक्षा देखना चाहते हैं और उम्मीद है कि निर्णय बहुत जल्द आएगा.’’
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