COVID Vaccine: कोविड-19 की दूसरी लहर, जिसने इकोनॉमी और लोगों के स्वास्थ्य पर ग्रहण लगाा है, इस लड़ाई में विकेंद्रीकरण के मंत्र को भारत सरकार ने आगे बढ़ाया है. इस समय की मांग है कि वैक्सीन उत्पादन की क्षमता बढ़ाई जाए और इसपर तेजी से काम हो तो नियमों में ढिलाई ही समाज के सभी वर्गों के हित में है. सभी संसाधनों को अपने अंतर्गत इस्तेमाल करने की बजाय केंद्र ने संतुलन बनाते हुए फैसला लिया है जहां राज्य और बाजार दोनों को एक साथ इस चुनौती का सामना करने में सामंजस्य बिठाया जाएगा. सरकार ने 1 मई से सभी वयस्कों को वैक्सीन के लिए पात्र घोषित कर दिया है.
इससे भारत में युवाओं में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम में मदद मिलेगी. पहली लहर के मुकाबले इस बार ज्यादा तेजी से महामारी फैल रही है जिससे दिल्ली, महाराष्ट्र, और उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन जैसे प्रतिबंध लगाने पड़ रहे हैं.
वैक्सीनेशन की रफ्तार की बात करें तो अब तक भारत में सिर्फ एक फीसदी आबादी को वैक्सीन लगाई गई है. इसके विस्तार के लिए अब सरकार ने ओपन मार्केट में भी इसे उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. इसका मतलब ये हुआ कि अब केंद्र औ राज्य सरकारों के सेंटर्स पर वैक्सीनेशन का बोझ घट सकता है.
हालांकि इसमें सबसे अहम कदम ये है कि वैक्सीन उत्पादन करने वाली कंपनियां 50 फीसदी सप्लाई राज्य सरकारों और खुले बाजार में पहले से तय भाव पर बेच सकेंगी. बाकी 50 फीसदी सप्लाई केंद्र सरकार को जाती रहेगी.
COVID Vaccine: अगर राज्य कोरोना से लड़ाई में बेड, होम क्वारंटीन, अस्पताल और लॉकडाउन जैसे फैसले खुद ले रहे हैं तो वैक्सीन खरीदने का भी उन्हें अधिकार होना चाहिए.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखी चिट्ठी में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी तेजी से वैक्सीनेशन के लिए इसी स्वतंत्रता का सुझाव दिया था.
पिछले 100 सालों के इतिहास में इस वायरस से जंग अनूठी रही है और यही वजह है कि इसके प्रति लड़ाई की रणनीति भी अभूतपूर्व होनी चाहिए.
पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने विदेशी दवा रेगुलेटरों से मंजूरी प्राप्त वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल के लिए जल्द मंजूरी देने का फैसला लिया था जिससे अमेरिका, UK, यूरोपीय संघ और जापान की वैक्सीन (COVID Vaccine) को भारत में मौका मिलेगा.
मनी9 ने इस फैसला का स्वागत किया था.
आज सरकार ने ये भी फैसला लिया है कि वैक्सीन उत्पादक पहले ही राज्यों और खुले बाजार को दी जाने वाली 50 फीसदी वैक्सीन की कीमत 1 मई तक तय करेगी जिससे पारदर्शिता रहेगी.
निजी अस्पतालों को इसी 50 फीसदी में से सप्लाई लेनी होगी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है कि पहले की ही तरह सरकारी केंद्रों में हेल्थकेयर कर्मचारियों, फ्रंटाइ वर्कर्स और 45 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाएगी.
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