Covid Update: कोरोना महामारी की वजह से देश के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. देश में अप्रैल में जब से कोविड का दूसरा दौर शुरू हुआ है तब से ऑक्सीजन की भारी किल्लत महसूस की जा रही है. केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अब बड़े कॉरपोरेट्स भी इस किल्लत को दूर करने के लिए मैदान में आए हैं. टाटा से लेकर अंबानी तक राज्य सरकारों को ऑक्सिजन की आपूर्ति के लिए इसकी उपलब्धता के लिए प्रयास कर रहे हैं.
सरकारों को कॉरपोरेट्स की मदद
इंडस्ट्री संगठन CII ने ऑक्सीजन सप्लाई चेन पर एक टास्क फोर्स का गठन भी किया है और यह ऑक्सीजन की घरेलू क्षमता में वृद्धि और आयात पर काम करके ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा. इसके अलावा राज्यों के बीच परिवहन समस्या, सिलेंडर की अनुपलब्धता सहित नीतिगत हस्तक्षेप जैसे मुद्दों पर काम करेगा. गौरतलब है कि टाटा समूह, आर्सेलर मित्तल, रिलायंस इंडस्ट्रीज, जेएसडब्ल्यू ग्रुप, अडानी, आईटीसी और जिंदल स्टील एंड पावर जैसी औद्योगिक कंपनियां सहित अन्य कंपनियां कोविड मरीजों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन, क्रायोजेनिक वेसेल, पोर्टेबल कॉन्सनट्रेटर्स और जनरेटर की सुविधा उपलब्ध करा रही है.
RIL ने ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाया
बात करते हैं रिलायंस ग्रुप की तो कंपनी तो गुजरात में कंपनी की जामनगर स्थित रिफाइनरी ने शुरू में प्रतिदिन 100 टन मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन होता था. इस उत्पादन क्षमता को तुरंत बढ़ाकर 700 टन प्रतिदिन कर दिया गया है. ऑक्सीजन की यह आपूर्ति गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हो रही है. कंपनी की योजना आने वाले दिनों में मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन उत्पादन को बढ़ाकर 1,000 टन प्रतिदिन करने की है.
टाटा ग्रुप और लिंदे की मुहिम
देश में क्रायोजेनिक कंटेनर्स की कमी को ध्यान में रखते हुए टाटा इस महीने के अंत तक लिंदे के सहयोग से 36 क्रायोजेनिक वेसेल्स का आयात करेगी. इसके अलावा टाटा स्टील अपने संयंत्रों से अस्पतालों में 600 से अधिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति भी कर रही है.
अडानी ने सऊदी अरब से इंपोर्ट की ऑक्सीजन
अडानी ग्रुप की बात करें तो कंपनी ने अपने मुन्द्रा पोर्ट पे सऊदी अरब से 80 टन लिक्विड ऑक्सिजन का इम्पोर्ट किया है. दुबई सरकार और भारतीय वायु सेना की मदद से, अडानी समूह ने दुबई से लिक्विड ऑक्सीजन के 12 रेडी टु यूज सिलेंडर खरीदे हैं. भारतीय वायु सेना ने इनमें से 6 टैंकों को भारत में एयरलिफ्ट किया है.
इफ्को लगाएगी ऑक्सीजन प्लांट
गुजरात की फर्टिलाइजर निर्माता कंपनी इफ्को 30 करोड़ रुपये के निवेश के साथ गुजरात, उत्तर प्रदेश और ओडिशा में चार मेडिकल ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी. यह ऑक्सीजन वे अस्पतालों में मुफ्त में वितरित करेंगे. यह संयंत्र गुजरात में कलोल, उत्तर प्रदेश में आंवला और फूलपुर और ओडिशा में पारादीप में स्थापित किया जाएगा. कंपनी अपने गुजरात के कलोल संयंत्र में प्रति घंटे 200 घन मीटर की क्षमता वाला एक ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करेगी. इसमें 46.7 लीटर ऑक्सीजन वाले सिलेंडर तैयार किए जाएंगे. यहां रोजाना 700 बड़े डी-टाइप सिलेंडर भरे जाएंगे. कंपनी का कहना है कि आने वाले 10-12 दिनों में ये सारे प्लांट शुरू हो जाएगे.
आर्सेलर मित्तल ने शुरू किया हॉस्पिटल
स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल ने अपने सूरत के हजीरा स्टील प्लांट परिसर में 250 बेड का एक अस्थायी कोविड अस्पताल शुरू किया है. आगामी दिनों में इस अस्पताल की क्षमता बढ़ाकर 1,000 बेड कर दी जाएगी. इसके अलावा, आर्सेलर मित्तल स्टील प्लांट में अभी लिक्विड ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है जिसे 20 फीसदी की वृद्धि कर प्रतिदिन 185 टन किया जाएगा. इसके अलावा वेदांता के तामिलनाडु में स्थित तूतिकोरिन स्टील प्लान्ट को दोबारा शुरू करने की मंजूरी मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत दी है, लेकिन इसमें सिर्फ ऑक्सीजन का उत्पादन होगा. आने वाले 10 दिन में ये प्लान्ट शुरू हो जाएगा.
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