विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्य सभा में वैक्सीन मैत्री (Vaccine Maitri) प्रोग्राम की जानकारी देते हुए कहा कि विदेश में वैक्सीन की सप्लाई को देश के अंदर वैक्सीन की उपलब्धता के आकलन के बाद ही तय किया गया है. दरअसल कल राज्य सभा में स्वास्थ्य मंत्रालय के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की दी जानकारी के मुताबिक भारत ने विदेश में 5.83 करोड़ वैक्सीन डोज भेजी हैं. वहीं भारत में अब तक कुल वैक्सीनेशन 3.5 करोड़ रहा है.
वैक्सीन मैत्री (Vaccine Maitri) प्रोग्राम के तहत भारत विदेशों में वैक्सीन सप्लाई कर रहा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने आज राज्य सभा में बताया है कि देश में अलग-अलग चरण में चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस प्रोग्राम को लगातार मॉनिटर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत की घरेलू जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद ही विदेश में इसकी सप्लाई की जा रही है. जयशंकर ने कहा कि एम्पावर्ड कमिटी इसकी देख-रेख कर रही है.
वैक्सीन मैत्री की शुरुआत माल्दीव, भुटान, बांग्लादेश जैसे देशों से शुरू हुई थी और बाद में गल्फ के देशों में वैक्सीन पहुंचाई गई.
भारत में बनी कोरोना वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) 72 देशों को भेजी गई है. अश्विनी कुमार चौबे के पेश की जानकारी के मुताबिक 70 देशों की लिस्ट में बांग्लादेश को 90 लाख, म्यामांर में 37 लाख, नेपाल में 23.48 लाख, मोरोक्को में 70 लाख, ब्राजील में 40 लाख, श्रीलंका में 12.64 लाख और युनाइटेड किंग्डम को 50 लाख वैक्सीन सप्लाई की गई है.
वहीं भारत में सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र राज्य में अब तक 33.29 लाख वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई गई है. सबसे ज्यादा वैक्सीन राजस्थान में लगाई गई है जहां ये आंकड़ा 33.47 लाख है. वहीं सबसे ज्यादा मृत्यु दर वाले राज्य पंजाब में अब तक कुल 4.18 लाख वैक्सीन ही लगी है.
एस जयशंकर ने कहा कि दुनियाभर के कई देशों के राजनेताओं ने भारत की सराहना की है. कोविड महामारी के दौरान भारत में बनी दवाइयों की डिमांड रही. भारत पैरासिटामोल से लेकर HCQ दुनियाभर में मुहैया कराई है. भारत ने विदेश में PPE, टेस्टिंग किट, डायग्नोस्टिक किट की भी सप्लाई की है. उन्होंने कहा कि ये लोगों पर केंद्रित डिप्लोमैसी का उदाहरण है.
एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने जानकारी देते हुए कहा है कि भारत ने अब तक 150 देशों को दवाएं सप्लाई की है जिसमें से 82 को भारत की ओर से ग्रांट के तौर पर दिया गया है. उन्होंने कहा कि वंदे भारत मिशन के तहत भी भारत ने यही नीति रखी और वुहान से शुरू करते हुए दूसरे देशों के नागरिकों को भी अपने नागरिकों के साथ वापस लाया.
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