अंतर-संसदीय यूनियन (IPU) के प्रेसिडेंट दुआर्ते पाचेको ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) ने यह दिखाया है कि बहुपक्षीय दुनिया ही आने वाला भविष्य है. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराकर भारत ने एक उदाहरण पेश किया है.
सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करते हुए पाचेको ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मोदी के ठोस फैसले और कदमों से भारत गरीबी को कम करने और भारी आर्थिक और सामाजिक विकास करने में सफल रहा है. उन्होंने कहा कि गरीबी खत्म करना सभी राजनेताओं का सबसे महत्वपूर्ण काम है.
कोविड-19 महामारी (COVID-19 Pandemic) के बारे में बात करते हुए पाचेको ने कहा कि इस महामारी ने यह दिखाया है कि दुनिया कितनी छोटी है. उन्होंने सुझाव दिया कि बहुपक्षीय दुनिया ही आगे का भविष्य है.
उन्होंने कहा, “महामारी (COVID-19 Pandemic) ने दिखाया है कि हम कितने छोटे हैं. बहुपक्षीय दुनिया ही इसका समाधान है और भारत इसी की एक मिसाल है.”
दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराने के जरिए दुनिया की मदद करने के भारत के फैसले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “आपने साहस के साथ उपाय किए. आपने दुनिया के कई देशों की मदद की.”
पाचेको पुर्तगाल की संसद के सदस्य हैं. उन्होंने भारत को IPU का एक खास दोस्त बताया और कहा कि संसदीय कूटनीति में भारत ने एक अहम भूमिका निभाई है.
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक व्यवस्था में भारत को उचित स्थान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा, “पुर्तगाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे का समर्थन करता है.”
इस मौके पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि विस्तारवाद और आतंकवाद को लेकर भारत की एक स्पष्ट नीति है.
बिड़ला ने यह भी कहा कि किसी भी संसद को दूसरे देशों के सांसदों के पास किए गए कानूनों और उनकी सार्वभौमिकता पर बहस नहीं करनी चाहिए.
उनकी टिप्पणी ऐसे वक्त पर आई है जबकि ब्रिटेन के सांसदों ने भारत में हो रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शनों पर चर्चा की है.
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