Covid-19: केंद्र ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह कोविड-19 (Covid-19) से मरने वालों के परिवारों को 4,00,000 रुपये का आर्थिक मुआवजा देने के याचिका पर विचार कर रहा है.
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण और एमआर शाह की पीठ से उन्हें कुछ समय देने का अनुरोध किया, ताकि वह याचिकाओं पर जवाब दाखिल कर सकें.
मेहता ने पीठ से कहा “मुद्दे वास्तविक हैं और इस पर ध्यान दिया जा रहा है. अगर अदालत कुछ समय देगी, तो मैं जवाब दाखिल करूंगा. ” शीर्ष अदालत ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बिहार सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिवारों को 4,00,000 रुपये का आर्थिक मुआवजा देगी.
जब याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने कहा कि अधिकारी वायरस से मरने वालों को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रहे हैं, तो मेहता ने कहा, “मुझे अपना जवाब देने दें. मैं पहले ही कह चुका हूं कि उठाए गए मुद्दे वाजिब हैं. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान वकील ने ब्लैक फंगस के मुद्दे का भी जिक्र किया.
पीठ ने मेहता से कहा कि हम आपको समय दे रहे हैं. हम इसे अगले शुक्रवार को प्राप्त कर सकते हैं. मेहता ने पीठ से दो सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया. तब पीठ ने कहा कि दो सप्ताह क्यों ? इससे पहले उसने केंद्र को मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया था.
मेहता ने कहा, कोरोना से जुड़े दूसरे मामलों में व्यस्तता के चलते पूरी मशीनरी को डायवर्ट कर दिया गया है. कृपया इसे दो सप्ताह के बाद लें. मुद्दे विचाराधीन हैं. वह जवाब दाखिल करेंगे और उसके बाद मामले की सुनवाई हो सकती है.
उत्तर दाखिल करने के लिए समय दिया जाता है. इन याचिकाओं को 21 जून, 2021 को सूचीबद्ध करें. पीठ ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील को 18 जून तक जवाब दिया जाना चाहिए,
24 मई को, शीर्ष अदालत ने COVID-19 से मरने वालों के परिवारों को चार लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा देने की मांग करने वाली दो याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था और कहा था कि वायरस की चपेट में आने वालों के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति होनी चाहिए.
शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें केंद्र और राज्यों को अधिनियम के तहत प्रावधान के अनुसार कोरोनोवायरस पीड़ितों के परिवारों को चार लाख रुपये का मुआवजा और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.
मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक, अधिवक्ता गौरव कुमार बंसल ने तर्क दिया था कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 12 (iii) के तहत, जिस सदस्य की आपदा के कारण मौत हो गई, उसका परिवार 4,00,000 रुपये के मुआवजे का हकदार है.
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