स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड की दूसरी डोज के लिए अंतराल बढ़ाया है लेकिन कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए दोनों के बीच के गैप को अभी भी 4 हफ्ते ही रखा गया है. 1 मई से शुरू हुए तीसरे चरण के वैक्सीनेशन को अब 28 दिन पूरे हो गए हैं. यानी, दूसरी डोज लेने की बारी आ गई है. लेकिन इस बीच कई राज्यों ने वैक्सीन की आपूर्ति ना होने की वजह से 18 से 44 वर्ष के लिए टीकाकरण रोका हुआ है. कोवैक्सीन की दूसरी डोज का इंतजार कर रहे लोगों को क्या करना चाहिए?
भारत में अब तक भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन की 2.21 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है. दिल्ली समेत महाराष्ट्र और कर्नाटक में 18 से 44 वर्ष के बीच आने वाले लोगों का टीकाकरण रुका हुआ है या बेहद सीमित है. केरल में भी कोवैक्सीन की कमी देखने को मिल रही है.
इन राज्यों में कई जगह पर केवल प्राइवेट सेंटर पर ही कोवैक्सीन (Covaxin) उपलब्ध है. प्राइवेट सेंटर में कोवैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के लिए आपको 1250 से 1500 रुपये के बीच खर्च करने पड़ सकते हैं.
ऐसे में अगर आपके दूसरे डोज लेने की तारीख नजदीक आ रही है तो क्या आपके लिए ये किसी चिंता की बात है? फोर्टिस ग्रुप के मेडिकल और ऑपरेशन हेड डॉ बिष्णु पाणीग्रही का कहना है कि लोगों को चिंता नहीं करनी चाहिए.
उनका कहना है कि ऐसे लोग जिनकी कोवैक्सीन की दूसरी डोज की तारीख नजदीक आ रही है वे वैक्सीन उपलब्ध ना होने पर एक से दो हफ्ता और इंतजार कर सकते हैं. उनके मुताबिक वैक्सीन की इफेक्टिविटी इतने समय तक रह सकती है.
पाणीग्रही ने भरोसा जताया है कि सरकार कोवैक्सीन (Covaxin) की आपूर्ति जरूर कराएगी.
वहीं, उनका कहना है कि वैक्सीन लगने से कोविड-19 का खतरा कम हो जाता है. वैक्सीन लगाने के बावजूद कोविड-19 संक्रमण हो सकता है लेकिन इसकी गंभीरता कम रहेगी – इतनी की अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु का खतरा ना रहे.
सरकार के वैक्सीनेशन प्लेटफॉर्म कोविन के मुताबिक देश में अब तक कोवैक्सीन की 2.21 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है. दिल्ली में सबसे अनुपात के हिसाब से कोवैक्सीन सबसे ज्यादा लगाई गई है. यहां अब तक कुल 16.05 करोड़ कोवैक्सीन लगाई गई है जो कुल टीकाकरण का 31 फीसदी है.
महाराष्ट्र में अब तक 26 लाख से ज्यादा कोवैक्सीन टीकों का इस्तेमाल हुआ है जबकि गुजरात में 19.4 लाख से ज्यादा कोवैक्सीन टीके लगाए गए हैं. तमिल नाडु में 12.43 लाख और आंध्र प्रदेश में 16.19 लाख, और उत्तर प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा इस टीके का इस्तेमाल हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक मिशन कोविड सुरक्षा के तहत इंडियन इम्यूनोलॉजिकल लिमिटेड और भारत बायोटेक ने करार किया है. IIL 15 जून से कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू कर सकता है और जुलाई तक पहला बैच भारत बायोटेक को देगा.
वहीं, नीति आयोग ने अपनी हालिया रिपोर्ट – वैक्सीन : भ्रम और तथ्य में कहा है कि 3 कंपनियों के जरिए कोवैक्सीन के उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत बायोटेक की उत्पादन क्षमता 1 करोड़ डोज प्रति माह से बढ़ाकर अक्टूबर तक 10 करोड़ की जाएगी. इसके अलावा दिसंबर तक 3 सरकारी कंपनियों के जरिए 4 करोड़ वैक्सीन डोज उत्पादन का लक्ष्य है.
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