Coronavirus: कोरोना संकट इतना विकराल क्यों हो गया है इसके पीछे एक वजह ये भी हो सकती है कि ये हवा से फैलता हो. दरअसल प्रख्यात मेडिकल जर्नल लैंसट (Lancet) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि उन्हें इसका सबूत मिला है कि कोरोना वायरल सार्स सीओवी-2 (SARS-CoV-2) हवा के जरिए भी फैलता है. लैंसट के मुताबिक 10 स्ट्रीम के जरिए इकट्ठा किए गए साक्ष्य बताते हैं कि हवा के जरिए भी संक्रमण फैलता है.
लैंसट ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, “ऐसे सिलसिलेवार और मजबूत साक्ष्य मिले हैं जो बताते हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण हवा के जरिए फैलता है. हालांकि अन्य जरिए भी इसके फैलने का कारण हो सकते हैं लेकिन हमारा विश्वास है कि हवा के जरिए ये ज्यादा फैलता है. बिना किसी देरी के स्वास्थ्य संस्थाओं को इस ओर कदम उठाना चाहिए.”
इस रिपोर्ट में हुआ खुलासा कोरोना वायरस (Coronavirus) के रोकथाम की स्ट्रैटेजी पर पुनर्विचार करने को बाध्य करता है. क्या सरकार को शुरुआत से इसपर रणनीति बनानी होगी? पहले समझते हैं कि लैंसट की रिपोर्ट में क्या जानकारी दी गई है.
– सुपरस्प्रेडिंग इवेंट (जहां किसी संक्रमित से कई और लोगों के जमा होने से और कई लोग संक्रमित हो जाते हैं और आगे संक्रमण फैलाते हैं) – ऐसे इवेंट की महामारी को आगे बढ़ा रहे हैं.
– क्वारंटीन होटलों में ये पाया गया है कि जो लोग एक दूसरे के संपर्क में नहीं आए लेकिन अगल-बगल के कमरों में रहते थे उन्हें भी संक्रमण (Coronavirus) हो गया
– ऐसे संक्रमित व्यक्ति जिनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है या वे शुरुआती दौर में उनसे फैले कोरोना के मामले तकरीबन एक तिहाई हैं. हालांकि ये संख्या 59 फीसदी होने का भी अनुमान है और मुख्य वजह भी कि कैसे विश्वभर में इसका विस्तार हुआ
– घरों के अंदर (Indoor) वायरस के फैलने का खतरा बाहर के मुकाबले ज्यादा है, लेकिन हवा का सही प्रवाह (Ventilation) होने से घरों में भी खतरा कम किया जा सकता है.
– ऐसे हेल्थकेयर सेंटर जहां पूरी सख्ती के साथ PPE का भी इस्तेमाल हो रहा था वहां भी कोरना के मामले पाए गए हैं. इन सेंटर्स में ड्रॉपलेट्स के प्रति सुरक्षा की तैयारी थी लेकिन हवा से फैलने की स्थिति के लिए कोई इंतजाम नहीं था.
– कोरोनावायरस (Coronavirus) को हवा में भी पाया गया है. लैब में किए एक्सपेरिमेंट के दौरान पाया गया कि वायरस 3 घंटे तक संक्रमण फैलाने में 50 फीसदी कारगर था.
– कोरोना वायरस एयर फिल्टर्स और कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे अस्पतालों की बिल्डिंग के डक्ट में भी पाया गया है. ऐसी जगह पर सिर्फ एयरोसोल के जरिए ही पहुंचा जा सकता है
– अलग-अलग कैद कर रखे जानवर जो सिर्फ एयर डक्ट के जरिए जुड़े थे उनमें भी कोरोनावायरस (Coronavirus) का पाया जाना ये सिद्ध करता है कि हवा से संक्रमण फैला
– लैंसट ने कहा है कि कोई भी अन्य रिपोर्ट ये खारिज नहीं कर पाई कि SARS-CoV-2 हवा से फैलता है. हालांकि कुछ ऐसे मामले जरूर रहे हैं जहां संक्रमितों के नजदीक रहे लोगों को संक्रमण नहीं हुआ लेकिन इसके पीछे कई और कारण हैं जैसे उन दोनों के बीच कितने वायरस का प्रवाह रहा, वेंटिलेशन कैसा था, आदि.
– ऐसे सिर्फ सीमित साक्ष्य हैं जो इस धारणा के पक्ष में है कि वायरस सिर्फ रेस्पिरेट्री ड्रॉपलेट से फैलता है.
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