चीन ने भी अपने नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा के लिए ट्रैवल हेल्थ सर्टिफिकेट जारी किया है जिसे कई यूरोपीय देशों के जैसे कोरोना पासपोर्ट (Corona Passport) की श्रेणी में देखा जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट (WeChat) के जरिए ये सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है. इस सर्टिफिकेट में न्यूक्लिक एसिड टेस्ट और सिरम एंटीबॉडी रिजल्ट के साथ ही वैक्सीन लगाने जैसी अन्य जानकारी भी शामिल है.
चीन के विदेश मंत्रालय ने बताया है कि ऐप में एक एन्क्रिप्टेड कोड होगा जिससे अधिकारी होल्डर की निजी जानकारी हासिल कर सकेंगे. चीन के सरकार के मुताबिक इससे उनके नागरिकों को इंटरनेशनल यात्रा करने में सहूलियत होगी.
चीन ने अमेरिका से इस वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के आधार पर दोनों देशों के बीच यात्रा की मंजूरी के लिए प्रस्ताव दिया हुआ है. फिलहाल चीन में कुल चार वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली है जबकि 12 और को WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) से मंजूरी का इंतजार है.
कई और देश ला चुके हैं कोरोना पासपोर्ट
दरअसल जिन लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है उन्हें अंतरराष्ट्रीय यात्रा में क्वारनटीन से लेकर अन्य नियमों में ढील मिल सके इसके लिए की देश कोरोना पासपोर्ट जारी कर रहे हैं. इसी दिशा में यूरोपीय संघ भी हेल्थ सर्टिफिकेट लाने की तैयारी में है.
ग्रीस, पुर्तगाल, जॉर्जिया, स्वीडन, डेनमार्क, इटली, पोलैंड भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और जिन्हें वैक्सीन लगाई जा चुकी है उनके लिए नियम में नर्मी दे रही है. जिन नागरिकों को टीका लगाया जा चुका है ये देश उन्हें कोरोना पासपोर्ट (Corona Passport) जारी भी कर रहे हैं और दूसरे यूरोपीय देशों से जारी कोरोना पासपोर्ट को मान्य भी मान रहे हैं.
इनके अलावा इजरायल ने भी कोरोना पासपोर्ट जारी करना शुरू किया है.
WHO नहीं कोरोना पासपोर्ट के पक्ष में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि कोविड-19 के लिए ‘टीका पासपोर्ट’ (Corona Passport) का उपयोग नैतिकता के साथ ही कई और कारणों को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
WHO के आपात प्रमुख डॉ. माइकल रियान ने कहा है कि उन देशों के लिए वास्तविक व्यावहारिक एवं नैतिक कारण हैं, जो टीका प्रमाणन को यात्रा की शर्त पर इस्तेमाल करने पर गौर कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘टीका दुनियाभर में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हैं और यह निश्चित ही समान आधार पर उपलब्ध नहीं है.”
WHO पहले ही कह चुका है कि यह अब भी ज्ञात नहीं है कि विभिन्न टीकों से प्राप्त प्रतिरक्षा कितने समय तक रहेगी और इस पर आंकड़े अभी जुटाये ही जा रहे हैं.
(PTI इनपुट के साथ)
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